उन्नाव : बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा संचालित परिषदीय स्कूलों का 'बेस' मजबूत करने की कवायद तेज हो गई,.परिषदीय स्कूलों में भी पेरेंट्स टीचर मीटिंग
जागरण संवाददाता, उन्नाव: बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा संचालित परिषदीय स्कूलों का 'बेस' मजबूत करने की कवायद तेज हो गई है। बच्चों की कक्षा में उपस्थिति 100 फीसद हो, इसके लिए विद्यालयों में हर 15 दिन में पेरेंट्स टीचर मीटिंग (पीटीएम) होगी। इसके अलावा बच्चा यदि गैर हाजिर हुआ तो अभिभावक के पास फोन पहुंचेगा।
सर्व शिक्षा अभियान के तहत बेसिक शिक्षा विभाग ने यह पहल की है। 'स्कूल चलो अभियान' के लिए बच्चों के घर-घर दस्तक दी जा रही है। पंजीयन भी हो रहे हैं लेकिन स्कूल पहुंचने वालों की संख्या एक-दो ही रहती है। तहसील और ब्लाक स्तर पर हुए अभी तक के सर्वे में बच्चों की उपस्थिति कक्षा में संतोषजनक नहीं मिली। बच्चों की उपस्थिति के गिरते ग्राफ को देखते हुए एडी बेसिक ने हाल ही में कई ब्लाक के स्कूलों का मुआयना किया था। जहां उन्हें तमाम तरह की खामी मिली थी। उधर, बीएसए को भी उम्मीद से ज्यादा बच्चे स्कूल में नहीं मिले थे। एडी बेसिक के कड़े रुख को देखते हुए अब जिम्मेदारियों को निभाने का कार्य तेज हो चला है। बच्चे के स्कूल न आने पर अभिभावकों से कारण पूछा जाएगा।
अभिभावक के साथ बैठक
बेसिक शिक्षा अधिकारी के अनुसार स्कूलों के प्रति बच्चों का लगाव कम न हो इसके लिए अब शिक्षक-शिक्षिका सहित खंड शिक्षा अधिकारी 15-15 दिन में अभिभावक के साथ बैठक करेंगे। यह बैठक स्कूल में ही होगी। इसके लिए अभिभावकों को फोन पर संदेश दिया जाएगा। इसके अलावा बच्चे की दैनिक डायरी में बैठक की तिथि दर्ज होगी। अभिभावक को हस्ताक्षर करना होगा।
चस्पा की जाएगी नोटिस
बच्चे के गैर जाहिर होने पर शिक्षक द्वारा स्कूल के नोटिस बोर्ड पर नोटिस चस्पा की जाएगी। इसमें यह दर्शाया जाएगा कि महीने में कितने बच्चे कितने दिन आए। नोटिस की एक कापी खंड शिक्षा अधिकारी और बीएसए कार्यालय को देनी होगी। इससे यह पता लग सकेगा कि बच्चे स्कूल कितना आते हैं। अभी तक कागजों में उपस्थिति फुल कर शिक्षक अपनी जिम्मेदारियों से मुंह मोड़ लेते हैं।
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'स्कूलों में नोटिस चस्पा किया जाएगा। गैरहाजिर होने वाले बच्चों की जानकारी के लिए अभिभावकों से समन्वय स्थापित किया जाएगा।' - दीवान ¨सह यादव, बीएसए