फतेहपुर : बेसिक शिक्षा में शिक्षा के संवर्धन के लिए नियुक्त किए जाने वाले एबीआरसी (सह-समन्वयक) की चयन प्रक्रिया में गुरुजी को परीक्षा से गुजरना होगा, एबीआरसी चयन परीक्षा में होगी माइनस मार्किंग
जागरण संवाददाता, फतेहपुर : बेसिक शिक्षा में शिक्षा के संवर्धन के लिए नियुक्त किए जाने वाले एबीआरसी (सह ब्लाक समन्वयक) की चयन प्रक्रिया में गुरुजी को परीक्षा से गुजरना होगा। इस परीक्षा की खासबात यह होगी कि सही उत्तर के लिए जहां अंकों की बरसात होगी, वहीं गलत उत्तर पाए जाने पर मिले अंकों से अंक काट लिए जाएंगे। माइनस मार्किंग (गलत उत्तर पर अंक काटे जाने) की व्यवस्था से एबीआरसी बनने वाले तमाम गुरुजी के सामने समस्या खड़ी हो जाएगी। गलत उत्तर देने पर वह एबीआरसी की पात्रता परीक्षा के दायरे से बाहर कर दिए जाएंगे।
बेसिक शिक्षा में मौजूदा समय में एबीआरसी के 70 पदों में शिक्षक-शिक्षिकाएं काम कर रहे हैं। जिनका मूलकाम शिक्षा को बढ़ावा देना है। विशेष शिक्षकों की श्रेणी में आने के बाद यह क्षेत्र के विद्यालयों में जाकर शैक्षिक गुणवत्ता बनाने के लिए अतिरिक्त योगदान से लाभान्वित करते हैं। यह बात अलग है कि दायित्व निर्वाहन के काम के बजाए इनसे अन्य तमाम तरह के काम ब्लाक स्तरीय कार्यालय से लिए जाते हैं। चालू शिक्षा सत्र में तैनात 70 एबीआरसी के पदों में 48 पद रिक्त हो जाएंगे। इनका चयन विभाग द्वारा किया जाना है। इसके लिए प्रक्रिया गतिमान हो गई है। बीएसए विनय कुमार ¨सह ने बताया कि एक एबीआरसी का पद तीन साल के लिए होता है। अच्छा योगदान देने पर तीन साल की सेवा बढ़ाने का प्राविधान है। जिले में जो 48 एबीआरसी के पद रिक्त हो रहे हैं उनमें सभी का कार्यकाल बढ़ाया जा चुका है। चयन प्रक्रिया में डायट प्राचार्य अध्यक्ष, बीएसए सचिव तथा सदस्य के रूप में डीआईओएस, प्रधानाचार्य जीआईसी शामिल हैं। चयन प्रक्रिया में योग्यता जांचने के लिए परीक्षा का आयोजन होगा जिसमें प्रतियोगी परीक्षाओं की तरह माइनस मार्किंग होगी।