महराजगंज : सामाजिक कुप्रथा के खिलाफ निकाली जागरूकता रैली
जागरण संवाददाता, मिठौरा बाजार, महराजगंज: समाज में लड़कियों के लिए अभिशाप बने दहेज़-प्रथा, बाल-विवाह और भ्रूण हत्या जैसी सामाजिक कुप्रथा को खत्म करने के उद्देश्य से ग्राम पंचायत सिन्दुरिया में गुरुवार को छात्र सुशील कुमार वर्मा के नेतृत्व में स्कूली बच्चों द्वारा ग्रामीणों को जनजागरूकता अभियान के माध्यम से दहेज-प्रथा, बाल-विवाह और भ्रूण हत्या को समाज के जड़ से खत्म करने के लिए रैली निकाली गई। अभियान के दौरान हाथ में लिए तख्तियों पर लिखा था । बेटी नही है किसी से कम मिटा दो अपने सारे भ्रम, हर घर में ये आवाज उठेगी बेटियां भी अब आगे बढ़ेगी, क्रिकेट में पढ़ेंगे छक्के-चौके अब बेटियों को भी दो मौके, अरमानों का मोल लगाना बंद करो दहेज के लिए लड़का बेचना बंद करो, जो बेटी को दे पहचान माता-पिता वही महान, दहेज नारी का अपमान है दहेज एक अभिशाप है, बेटी बचाने का करो इरादा अभी से दो हमें यह वादा आदि स्लोगन के माध्यम से लड़कियों को इन तीनों अभिशापों से मुक्त कराने के लिए ग्रामीणों से निवेदन किया।
छात्रों ने कहा की दहेज़-प्रथा, बाल-विवाह और भ्रूण हत्या समाज की सैकड़ों बुराइयों में से एक है, जो हर साल हजारों मासूम लड़कियों की मौत का जिम्मेदार है। दहेज प्रथा एक ऐसी बुराई है जो वर्तमान समय में समाज में तांडव मचा रहा है। संस्कृति में दहेज का अर्थ- दायज होता है, जिसका सही अर्थ है-उपहार या दान। दहेज एक प्रकार से विवाह के अवसर पर कन्यापक्ष की ओर से स्वेच्छा और संतोष के साथ वर को दिया जाने वाला उपहार है। आधुनिक समय में समाज में यह उपहार सौदेबाजी और लालच का रूप बन गया है। इस घातक कुप्रथा को समाप्त करने के लिए समाज में अधिकाधिक शिक्षा का प्रसार करना चाहिए। तभी शिक्षित लड़कियां इस कुप्रथा का मुकाबला करने के लिए अग्रसर होंगे। इस बुराई का जड़ मात्र कानून से खत्म करना संभव नही है। इससे सामाजिक स्तर पर सतत युद्ध किया जाना चाहिए।
देश की शिक्षित युवा पीढ़ी जब समर्पण भाव के साथ जब संकल्प करेगी की न तो दहेज लेंगे और ना ही देंगे तब यह दहेज लेने वाले लोभी स्वयं चेत हो जायेंगे। बाल-विवाह और भ्रूणहत्या का मुख्य कारण दहेज ही है। लड़कियों को इन तीनो अभिशापों से मुक्त कराना होगा तभी समाज में बालक और बालिका समानता के रूप में देखे जा सकते हैं। इस दौरान स्मृति सिंह, विमलेश सहानी, संजय शर्मा, संदीप कुमार गुप्ता, नीरज गुप्ता, सुंजीत गुप्ता, कुलदीप कुमार, बलिराम कुमार, गणोश कुमार, अनिकेत कुमार, दीपक कुमार गुप्ता आदि छात्र उपस्थित रहें।