लखनऊ : मानक से कम छात्रसंख्या वाले स्कूलों में समाप्त हो जाएंगे हेडमास्टर के पद
लखनऊ । जिन सरकारी स्कूलों में छात्रों की संख्या अनिवार्य शिक्षा अधिकार (आरटीई) के मानक के अनुसार वहां पर प्रधानाध्यापक के पद समाप्त किए जा सकते हैं। स्कूल चलो अभियान के बाद इसको कड़ाई से लागू करने पर विचार चल रहा है।
यह प्रावधान पहले से है लेकिन इसका पालन नहीं किया जा रहा है। इस बार सरकार के सख्त रुख के बाद बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारी सक्रिय हो गये हैं। हाउस होल्ड सर्वे और स्कूल चलो अभियान पूरा होने के बाद स्कूलों में छात्र संख्या की समीक्षा होगी। आरटीई के मानक के अनुसार प्राथमिक विद्यालयों में 151 और जूनियर विद्यालयों में 100 से अधिक छात्रसंख्या होने पर ही प्रधानाध्यापकों की तैनाती होगी। शासन का रुख भांपते हुए शिक्षक और प्रधानाध्यापक छात्र संख्या बढ़ाने में जुट गए हैं।
कुछ दिन पहले बेसिक शिक्षा परिषद ने आरटीई के मानक के अनुसार छात्रों और शिक्षकों की संख्या सभी जिलों से मांगी है। सूत्रों का कहना है कि कई सरकारी स्कूलों के यूडाएस (यूनिफाइड डिस्ट्रक्टि एजुकेशन सिस्टम) के डाटा से इस बात के संकेत मिले हैं। अभी कई स्कूलों में छात्र संख्या मानक से कम है।