लखनऊ : फर्जी बीएड की डिग्री देकर लाखों ऐंठे, छात्रों ने बीएड की डिग्री लगाकर पास कर लिया था टीईटी भी, आरटीआइ से हुआ मामले का खुलासा
जागरण संवाददाता, लखनऊ : शिक्षण संस्थान खोलकर एक आइपीएस के करीबी दो सगे भाइयों समेत डेढ़ दर्जन लोगों को फर्जी बीएड की डिग्री देने वाले संस्थान के डायरेक्टर पवन भार्गव को पीड़ित ने मंगलवार रात कृष्णानगर में फीनिक्स मॉल चौकी के पास जमकर पीटने के बाद पुलिस को सौंपा। ताज्जुब की बात यह है कि छात्रों ने बीएड की फर्जी डिग्री के आधार पर टीईटी की परीक्षा भी उत्तीर्ण कर ली थी। बीएड की फर्जी डिग्री के बारे में छात्रों को जानकारी तब हुई जब उन्होंने कॉलेज प्रबंधन द्वारा एमएड की परीक्षा कराने में टाल मटोल करने पर आरटीआइ डाली।
पास होने की देता था गारंटी
इंस्पेक्टर कृष्णानगर विकास पांडेय के मुताबिक चित्रकूट कर्वी निवासी अनुराग कुमार मौर्या और उनके परिवारीजन पवन भार्गव नाम के युवक पर जालसाजी का आरोप लगाकर थाने लगाए थे। अनुराग ने बताया कि वर्ष 2012 में एक विज्ञापन के जरिए उसकी मुलाकात झांसी झोकन बाग स्थित राधा बल्लभ ग्रुप ऑफ एजूकेशन के डायरेक्टर पवन भार्गव से हुई। पवन ने कहा कि वह अपने संस्थान से बीएड और एमएड कराते हैं। पास होने की भी गारंटी ली और बताया कि उनका संस्थान जोधपुर नेशनल युनिवर्सिटी मरावाड़ कॉलेज से संबद्ध है। अनुराग ने बताया कि इस पर उसने, उसके छोटे भाई अतुल समेत 20 लोगों ने बीएड के लिए आवेदन किया। 30-30 हजार रुपये प्रति व्यक्ति पहले लिए। उसके बाद डेढ़-डेढ़ लाख रुपये फीस ली। बीएड की परीक्षा उत्तीर्ण होने पर मार्कसीट मिली। इसके बाद सभी ने टीईटी भी पास कर लिया। फिर पवन ने कहा कि उनके संस्थान की एक शाखा लखनऊ हजरतगंज में इनकम टैक्स ऑफिस के नीचे है। वहां से उन्होंने एमएड कराने के लिए कहा। एमएड के लिए प्रति व्यक्ति दो-दो लाख रुपये लिए। 2015 में साल पूरा हो गया पर उसने एमएड की परीक्षा नहीं कराई। दबाव डालने पर वह टालमटोल करता रहा। आशंका होने पर जोधपुर नेशनल यूनिवर्सिटी में आरटीआइ दाखिल की। आरटीआइ डालने पर खुलासा हुआ कि विश्वविद्यालय से कोई मार्कशीट ही नहीं जारी हुई है। मार्कशीट फर्जी है। इसके बाद संस्थान पहुंचे तो पवन ने टाल मटोल की। फिर फोन रिसीव करना बंद कर दिया। इसके बाद वह संस्थान बंद कर भाग निकला। लखनऊ पहुंचकर इनकम टैक्स दफ्तर के नीचे स्थित संस्थान की पड़ताल करने पहुंचे तो यहां भी बंद मिला। आलाधिकारियों से शिकायत के बाद भी कुछ नहीं हुआ। तीन अप्रैल को मुख्यमंत्री के जनता दरबार में शिकायत की। वहां से जिलाधिकारी चित्रकूट और एसएसपी लखनऊ को जांच के आदेश दिए गए। आरोपी से फोन पर बात हुई तो उसने रुपये वापस करने को मंगलवार को लखनऊ बुलाया। सारा दिन टाल मटोल करता रहा। रात वह फीनिक्स मॉल के पास आया यहां साथियों और परिवारीजनों की मदद से उसे घेर कर पकड़ लिया। जब वह भागने लगा तो जमकर पीटा। इस बीच पुलिस आ गयी। पुलिस सभी को कृष्णानगर थाने लेकर पहुंची। इंस्पेक्टर ने बताया कि संस्थान की एक शाखा चित्रकूट और दूसरी हजरतगंज में है। इंस्पेक्टर हजरतगंज से बात कर पीड़ित और आरोपी को वहीं भेज दिया गया है। मामले में कार्रवाई हजरतगंज पुलिस करेगी।