इलाहाबाद : मध्यान्ह भोजन योजना के तहत छात्र-छात्रओं को मौसमी फलों का अभी स्वाद मिलता रहेगा, बच्चों को बांटे जाते रहेंगे मौसमी फल
इलाहाबाद : मध्यान्ह भोजन योजना के तहत छात्र-छात्रओं को मौसमी फलों का अभी स्वाद मिलता रहेगा। सपा सरकार की मौसमी फल वितरण योजना फिलहाल भाजपा सरकार में भी जारी रहेगी। शासन ने इस संबंध में बजट भी जारी कर दिया है। इस मद में धन के व्यय की निगरानी जिलाधिकारी को करने के निर्देश दिये गए हैं। मध्यान्ह भोजन योजना यानी मिडडे-मील के तहत सरकारी, अशासकीय और निजी स्कूलों में भी छात्र-छात्रओं को भोजन परोसा जा रहा है। विद्यालयों में तय मीनू के मुताबिक बच्चों को भोजन देने के कड़े निर्देश हैं। पिछले साल मई में प्रदेश की अखिलेश सरकार ने छात्र-छात्रओं को सप्ताह में एक दिन मौसमी फल वितरण के आदेश दिए थे। स्कूलों में बाकायदे प्रचार-प्रसार करके और जनप्रतिनिधियों को बुलाकर समाजवादी फल वितरण के नाम से योजना शुरू हुई और अगले महीनों तक यह आदेश लागू रहा। सूबे में सरकार बदलने के बाद यह उम्मीद थी कि समाजवादी फल वितरण योजना को नई सरकार बंद कर सकती है, लेकिन ऐसा नहीं हो सका है। योजना शुरू होने के ठीक एक साल बाद शासन ने फिर इसका बजट जारी कर दिया है। साथ ही निर्देश दिया गया है कि हर स्कूल में सप्ताह में एक दिन फल वितरण किया जाए। जिलावार धन आवंटन करके शासन ने जिलाधिकारियों को निर्देश दिया है कि वह फल वितरण पर व्यय की निगरानी करेंगे।