इलाहाबाद : चयन बोर्ड व सरकार में टकराव के आसार, प्रदेश के अन्य भर्ती आयोगों की तरह ही चयन बोर्ड में भी सरकार के निर्देश पर सभी भर्तियों पर रोक लगी
राज्य ब्यूरो, इलाहाबाद : उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग में जब साक्षात्कार व परीक्षा परिणाम जारी करने पर रोक लगी, तब कई बार ऐसी नौबत आई मानों दोनों टकराव की राह पर हैं। आयोग खुद की स्वायत्तता का ढोल पीटते हुए शांत हो गया, लेकिन माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड में इन दिनों सब ठीक-ठाक नहीं है, बल्कि सरकार से टकराव की ओर बढ़ने का रास्ता खोजा जा रहा है। इसीलिए तीन मई को चयन बोर्ड की हो रही बैठक में उन बिंदुओं को रखा गया है, जिन्हें सरकार ने रोकने के निर्देश दिए हैं।
प्रदेश के अन्य भर्ती आयोगों की तरह ही चयन बोर्ड में भी सरकार के निर्देश पर सभी भर्तियों पर रोक लगी है। करीब एक माह हो रहा है, चयन बोर्ड में छिटपुट रुटीन कार्य को छोड़ कुछ भी नया नहीं हो रहा है।
प्रतियोगी जल्दी में हैं वह लगातार मंत्रियों व अफसरों की परिक्रमा करके भर्तियां शुरू कराना चाहते हैं। इसी बीच चयन बोर्ड ने तीन मई को अहम बैठक रखी है। वैसे तो बैठक के एजेंडे में तमाम बिंदु हैं, लेकिन तीन मुद्दे प्रतियोगियों को लुभा रहे हैं तो सरकार को चुनौती भी दे रहे हैं। इसमें पहला प्रकरण 2016 की प्रवक्ता व स्नातक शिक्षक यानी टीजीटी-पीजीटी परीक्षा की तारीख तय करना है। दूसरा 2011 के लंबित टीजीटी-पीजीटी परीक्षा परिणाम जारी करना और तीसरा वर्ष 2013 के स्नातक शिक्षक छह विषयों के परिणाम जारी करना शामिल हैं। यह तीनों बिंदु चयन बोर्ड व सरकार का टकराव होने की ओर इशारा करते हैं। प्रतियोगी भी इन बिंदुओं को लेकर बेहद खुश हैं। वहीं अन्य भर्ती बोर्ड व आयोगों में इस बैठक को लेकर खासी चर्चा है।
उधर, चयन बोर्ड की सचिव रूबी सिंह ने बताया कि सरकार से टकराव का कोई प्रश्न ही नहीं है। एजेंडे में कुछ बिंदु सिर्फ चर्चा के लिए रखे गए हैं। बिना सरकार की अनुमति के भर्तियां नहीं होंगी और न ही परिणाम घोषित किये जाएंगे।