चन्दौसी : ‘मां’ के हवाले बच्चों का मिड-डे-मील, गुणवत्ता खराब मिली तो होगी शिकायत
जागरण संवाददाता, चन्दौसी : बेसिक शिक्षा के सभी सरकारी व सहायता प्राप्त विद्यालयों में बच्चों को दिए जाने वाले मिड-डे-मील की गुणवत्ता अब ‘मां’ जांचेगी। प्रत्येक विद्यालय में इस नाम से बनाई जाने वाली समिति में छह ऐसी माताओं को शामिल किया जाएगा, जो स्कूलों में जाकर भोजन की गुणवत्ता की जांच करेंगी।
20 मई तक जनसहभागिता के आधार पर इन समितियों का गठन होगा। समिति में उन महिलाओं को शामिल किया जाएगा, जिनके बच्चे स्कूल में पढ़ रहे हों और वे समिति में शामिल होने की इच्छुक हो। बेसिक शिक्षामंत्री अनुपमा जायसवाल ने आदेश जारी किए हैं।1सरकार ने परिषदीय विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों को निश्शुल्क खाना खिलाने के लिए मिड-डे-मील की व्यवस्था की है। इतना ही नहीं उनके स्वास्थ्य का ध्यान रखते हुए मिड-डे-मील के मानक भी तय किए हैं। मीनू तय किया गया है कि कौन से दिन कौन सा खाना बनना है। बच्चों को सोमवार को फल खिलाने व बुधवार को दूध पिलाने की व्यवस्था भी है। मानक के अनुसार मिड-डे-मील का खाना नहीं बनाने की शिकायतें बढ़ती जा रही हैं। यह शिकायतें तो तब बढ़ रही हैं, जबकि समय-समय पर अधिकारी भी निरीक्षण करते हैं। शासन ने इसे गंभीरता से लिया है। 1मिड-डे-मील की देखरेख की जिम्मेदारी ‘मां’ समिति को सौंपी गई है। समिति में छह माताओं को शामिल किया जाएगा। 20 मई तक समिति का गठन किए जाने के निर्देश दिए गए हैं।
पिछले माह लखनऊ में संपन्न हुई बैठक में ‘मां’ समिति के बारे में मौखिक जानकारी दी गई थी। समिति के गठन के लिए लिए लिखित में कोई आदेश नहीं आएं हैं। आदेश मिलने पर समिति का गठन करा दिया जाएगा।
दीनदयाल शर्मा, जिला समन्वयक मिड-डे-मील।
चन्दौसी : ‘मां’ समिति मिड-डे-मील की गुणवत्ता की जांच करेंगी। बच्चों के खाना खाने से पहले महिलाएं खुद खाने को चखकर देखेंगीं। गुणवत्ता नहीं होने पर इसकी जानकारी संबंधित अधिकारी को दी जाएगी। अधिकारी मामले की जांच करेंगें। जांच में सत्यता मिलने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
खाने की गुणवत्ता जांचेगी महिलाओं की समिति, शामिल होंगी छह महिलाएं, हर विद्यालय में होगा गठन