बस्ती : शिक्षा की अलख जगा रहे गंगाराम, कान्वेन्ट स्कूल को मात दे रहा परिषदीय विद्यालय
गांवों में शिक्षा की अलख जगा रहे गंगाराम, कान्वेंट स्कूल को मात दे रहा सराय का विद्यालय व प्रवेश के लिए अभिभावक करते हैं प्रधानाध्यापक की मनुहार,.अंग्रेजी में बात करते हैं बच्चे
अमर वर्मा ’ बस्ती । आम धारणा है कि परिषदीय विद्यालय में लोग अपने बच्चों को पढ़ाना नहीं चाहते हैं। गांवों में भी जहां कान्वेंट स्कूल हैं, वहां परिषदीय विद्यालयों में छात्रों की संख्या बेहद कम है। अपने जनपद के सदर विकास खंड के ग्राम पंचायत सराय एक ऐसा जूनियर हाई स्कूल है, जहां प्रवेश के लिए अभिभावक परेशान रहते हैं और प्रधानाध्यापक गंगाराम चौधरी से बच्चों का प्रवेश लेने के लिए चिरौरी करते नजर आते हैं। इस विद्यालय की पढ़ाई की ही देन है कि यहां कान्वेंट स्कूल के पढ़े बच्चे भी प्रवेश ले रहे हैं।1 जिला मुख्यालय से बमुश्किल चार किलोमीटर की दूरी पर स्थित इस विद्यालय में बच्चों को प्रवेश दिलाना आसान नहीं है। प्रवेश लेने वाले बच्चों की यहां सबसे पहले प्रवेश परीक्षा होती है। इसकी कोई तिथि निर्धारित नहीं है। जो भी बच्चा आता है उससे उसके स्तर की गणित, अंग्रेजी व विज्ञान के मौखिक सवाल पूछे जाते हैं। सही उत्तर देने वाले को ही प्रवेश मिलता है। वर्तमान समय में विद्यालय में कुल चार अध्यापक हैं और 55 बच्चों का पंजीकरण हुआ है।
गांव में घूम-घूम कर पढ़ने के लिए करते हैं प्रेरित : विद्यालय को बुलंदियों पर ले जाने की ठान चुके गंगाराम गांव में घूम-घूम कर शिक्षा की अलख जगा रहे हैं। वह जिस भी अभिभावक के घर बच्चे के प्रवेश के लिए कहने जाते हैं वहां सिर्फ इतना कहते हैं कि अपने बच्चे को ट्रायल के तौर पर एक माह हमारे स्कूल में भेजिए। यदि कान्वेट से बेहतर पढ़ाई न मिले तो फिर जहां मन हो वहां प्रवेश दिलाइए। कहते हैं एक बार जो बच्चा उनके यहां प्रवेश ले लेता है उसके अभिभावक खुद दूसरी जगह प्रवेश दिलाने का नाम नहीं लेते हैं। सप्ताह में एक बार यहां के बच्चे जागरूकता रैली जरूर निकलते हैं। उस समय शिक्षक अभिभावक से मिलकर पढ़ाई में कमियां भी पूछते हैं। अभिभावकों के बेहतर सुझाव स्कूल में लागू किए जाते हैं। कक्षा सात में पढ़ रही ईशा बताती है कि वह कान्वेंट स्कूल में 500 रुपये फीस देती थी लेकिन यहां उससे बेहतर पढ़ाई होती है। पापा ने यहीं पर इस साल प्रवेश दिलाया है। गांव के ही अली अहमद कहते हैं कि वह अपने बेटे अली अकबर को पहले कान्वेंट में पढ़ाते थे, जब यहां की बेहतर पढ़ाई देखे तो बेटे को यहीं प्रवेश दिला दिए। जीतनारायन ने बताया कि उनके बेटे रामकुमार को कान्वेंट से बेहतर शिक्षा मिल रही है। मुङो गर्व है कि हमारे गांव में ऐसा स्कूल है।सदर विकास खंड के पूर्व माध्यमिक विद्यालय सराय में बच्चों को शिक्षा देते प्रधानाध्यापक गंगारामविद्यालय के बच्चे पढ़ते-लिखते तो हंिदूी में हैं लेकिन अंग्रेजी की जानकारी इनकी अन्य परिषदीय विद्यालयों से बेहतर है। अंग्रेजी में पूछे गए प्रश्न का बेहतर जवाब यहां हर बच्चा देता है। बच्चे आपस में अथवा शिक्षक से अंग्रेजी में आसानी से बात कर लेते हैं। 1हरियाली बढ़ाने की है जिद: गंगाराम कहते हैं कि विद्यालय में अच्छी शिक्षा व अनुशासन के साथ ही बच्चों को पर्यावरण संरक्षण का भी पाठ पढ़ाया जाता है। स्कूल परिसर में पौधे व फूलों पर भी नजर रखते हैं। बच्चों को स्वच्छ पर्यावरण के फायदे बताते हैं। क्यारियों में पानी देना, तथा पौधों की देखभाल करना यहां की दिनचर्या में शामिल है। पूरे परिसर में छायादार पेड़, फूलों की क्यारी व कक्षाओं में गमले हर तरफ दिखे।
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