लखनऊ : बीटीसी दाखिले में आरक्षण खत्म करने का प्रस्ताव
राज्य ब्यूरो, लखनऊ : बेसिक टीचिंग सर्टिफिकेट (बीटीसी) कोर्स के दाखिले में महिलाओं और पुरुषों के लिए लागू 50-50 फीसद आरक्षण की व्यवस्था को खत्म करने का प्रस्ताव है। बीटीसी प्रवेश में महिला और पुरुष शाखाओं में से प्रत्येक में कला और विज्ञान वर्ग के अभ्यर्थियों के लिए 50-50 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था को भी समाप्त करने का प्रस्ताव है। राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) ने शासन को यह प्रस्ताव भेज दिया है।
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परिषदीय और सहायताप्राप्त प्राथमिक स्कूलों में दाखिले के लिए स्नातक और बीटीसी के साथ शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) उत्तीर्ण होना अनिवार्य है। प्रदेश में बीटीसी का कोर्स जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) और निजी बीटीसी कॉलेजों में संचालित है। सूबे में बीटीसी की 1.93 लाख सीटें हैं जिनमें से 10600 विभिन्न डायट में हैं। अभी बीटीसी में जितने दाखिले होते हैं, उनमें से आधी सीटें महिला और आधी पुरुषों के लिए आरक्षित होती हैं। वहीं महिला और पुरुष शाखाओं में से प्रत्येक में आधी-आधी सीटें कला और विज्ञान वर्ग के अभ्यर्थियों के लिए आरक्षित होती हैं।
एससीईआरटी ने शासन को जो प्रस्ताव भेजा है, उसमें आरक्षण की यह व्यवस्था खत्म करने की सिफारिश की है। एससीईआरटी का तर्क है कि परिषदीय प्राथमिक स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती के लिए लागू उप्र बेसिक शिक्षा (अध्यापक) सेवा नियमावली में महिला और पुरुष अभ्यर्थियों के लिए आरक्षण की कोई व्यवस्था नहीं है। न ही कला और विज्ञान वर्ग के अभ्यर्थियों के लिए आरक्षण का कोई प्रावधान है। शासन को भेजे गए प्रस्ताव में एससीईआरटी ने कहा है कि जब प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती में महिलाओं और पुरुषों व कला-विज्ञान वर्ग के लिए आरक्षण का प्रावधान नहीं है तो फिर बीटीसी में यह व्यवस्था जारी रखने का कोई औचित्य नहीं है।