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बागपत : अजी! यह सरकारी है..निजी स्कूलों में मिलती है कुर्सी-मेज

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बागपत : अजी! यह सरकारी है..निजी स्कूलों में मिलती है कुर्सी-मेज

*600 से ज्यादा सरकारी स्कूलों में नहीं है फर्नीचर, कहीं पेयजल तो कहीं शौचालय व्यवस्था ध्वस्त, बिल नहीं चुकाने पर कटे हैं बिजली के कनेक्शन*

जहीर हसन’ बागपत । अजी! यह तो सरकारी स्कूल है।..मेज व कुर्सी प्राइवेट स्कूलों में मिलती है। गरीब न होते तो फटी टाट पट्टी पर क्यों बैठते? मास्टर जी कहते हैं कि मेज-कुर्सी मिलेगी,..पता नहीं कब मिलेगी। यहां तो टायलेट जाने को भी इंतजार करना पड़ता है, क्योंकि बच्चे 720 हैं और टायलेट सिर्फ एक। घर पर जिद करता हूं कि प्राइवेट स्कूल में पढ़ाओ तो मम्मी-पापा का जवाब मिलता है कि हम गरीब प्राइवेट स्कूल की फीस कहां से भरेंगे। यह पीड़ा बयां की जिला मुख्यालय बागपत के प्राथमिक स्कूल नंबर दो के कक्षा पांच के समीर ने। यह मलाल समीर को ही नहीं औरों को भी है। पूछते ही अब्दुल बेलाग कहने लगा कि कई बार तो घर से खाली बोरी लाकर उसी पर बैठकर पढ़ना पड़ता है*..मेज कुर्सी की बात छोड़िए, अभी तक किताब भी नहीं मिली है। छात्र मनीष बोले कि उनके शिक्षक अच्छे हैं, लेकिन नल का पानी खारा है। मीठा पानी मिले तो पढ़ाई में और मजा आए। बिलाल बोले कि बच्चे बहुत हैं लेकिन कमरे कम। गर्मी में काफी बच्चों को बैठकर पढ़ना पड़ता है। बात खत्म होती कि कई बच्चे शिक्षकों के चेहरों की ओर देखकर थोड़े ङिाझकते हुए बोले कि अभी बैग तक नहीं मिले। पड़ोस में सफाई नहीं होने से बदबू आती है। लेकिन ऐसा हाल उक्त स्कूल का ही नहीं बल्कि तमाम स्कूलों का है।1बदहाल हैं स्कूल : करीब 600 स्कूलों में फर्नीचर नहीं होने से बच्चों को टाट-पट्टी पर बैठकर भविष्य संवारने को मजबूर होना पड़ता है। जनपद के 37 स्कूलों में बालक-बालिकाओं के लिए अलग-अलग शौचालय नहीं हैं। निरपुड़ा, फतेहपुर चक, पूरनपुर नवादा, गढ़ी कलंजरी, भड़ल तथा मवीकला, जागौस, कोताना, लुहारी, पट्टी मेहर बड़ौत, ओढ़ापुर समेत तमाम स्कूलों में बालक-बालिकाओं के लिए अलग-अलग शौचालय नहीं हैं। करीब 50 स्कूलों में विद्युतीकरण नहीं है। बाकी में कागजों पर कनेक्शन है, लेकिन धरातल पर बिजली कटी है, क्योंकि स्कूलों ने गत सात-आठ साल से ऊर्जा निगम का करोड़ों का बिजली बिल ही नहीं चुकाया है। 1आफत हैं जर्जर भवन1बागपत: प्राथमिक स्कूल दाहा नंबर एक के शौचालयों पर ताले लटके रहने से बच्चों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। इस स्कूल के परिसर में सालों से पुराना जर्जर भवन खड़ा है, जिसके कभी भी गिरने से बड़ा हादसा हो सकता है। उच्च प्राथमिक स्कूल टांडा के परिसर में भी जर्जर भवन से बड़ा हादसा हो सकता है। यहां शौचालय बदहाल है। वहीं अब्दुलपुर तथा निरोजपुर एम्मा स्थित परिषदीय विद्यालय में एक में सात व दूसरे में नौ विद्यार्थी शिक्षणरत हैं। दोनों स्कूल में कंप्यूटर, पानी की टंकी, शौचालय बदहाल मिले हैं

*स्कूल पर लटका मिला ताला*बागपत* : बुधवार को बीएसए योगराज सिंह ने प्राथमिक स्कूलों में छापेमारी की लेकिन स्थिति बहुत खराब मिली। जूनियर हाईस्कूल रमाला पर ताला लटका देख बीएसए हैरान रह गए। स्कूल के गेट के बाहर बच्चे उछलकूद करते मिले। बीएसए ने जूनियर हाईस्कूल के चपरासी को निलंबित कर दिया। तीनों शिक्षकों का वेतन रोक दिया। प्राथमिक स्कूल नंबर दो लूंब में एक शिक्षिका बच्चे पढ़ाने के बजाय फोन पर बात करती मिली। दो शिक्षिका स्कूल खुलने के दो घंटे बाद भी ड्यूटी पर नहीं आई। प्राथमिक स्कूल नंबर तीन लूंब में भी दो शिक्षक नदारद मिलने पर बीएसए ने उनकी वेतनवृद्धि रोकने का आदेश दिया। प्राथमिक स्कूल नंबर एक टांडा, प्राथमिक स्कूल नंबर दो टांडा और जूनियर हाईस्कूल टांडा में शिक्षक बात करते और ऊंघते मिले। तीनों स्कूलों में बच्चे भी 60 फीसद नदारद मिले। तीनों स्कूलों के हेडमास्टरों को कार्रवाई की चेतावनी दी। बीएसए ने बताया कि लूंब गांव में तीन स्कूल बिना मान्यता के चलते मिले। इन बिना मान्यता के स्कूलों के संचालकों को मौके पर ही नोटिस जारी कर एक सप्ताह में स्कूल बंद नहीं करने पर रिपोर्ट दर्ज कराने की चेतावनी दी है।जहीर हसन’ बागपत1अजी! यह तो सरकारी स्कूल है।..मेज व कुर्सी प्राइवेट स्कूलों में मिलती है। गरीब न होते तो फटी टाट पट्टी पर क्यों बैठते? मास्टर जी कहते हैं कि मेज-कुर्सी मिलेगी,..पता नहीं कब मिलेगी। यहां तो टायलेट जाने को भी इंतजार करना पड़ता है, क्योंकि बच्चे 720 हैं और टायलेट सिर्फ एक। घर पर जिद करता हूं कि प्राइवेट स्कूल में पढ़ाओ तो मम्मी-पापा का जवाब मिलता है कि हम गरीब प्राइवेट स्कूल की फीस कहां से भरेंगे। यह पीड़ा बयां की जिला मुख्यालय बागपत के प्राथमिक स्कूल नंबर दो के कक्षा पांच के समीर ने। यह मलाल समीर को ही नहीं औरों को भी है। पूछते ही अब्दुल बेलाग कहने लगा कि कई बार तो घर से खाली बोरी लाकर उसी पर बैठकर पढ़ना पड़ता है।..मेज कुर्सी की बात छोड़िए, अभी तक किताब भी नहीं मिली है। छात्र मनीष बोले कि उनके शिक्षक अच्छे हैं, लेकिन नल का पानी खारा है। मीठा पानी मिले तो पढ़ाई में और मजा आए। बिलाल बोले कि बच्चे बहुत हैं लेकिन कमरे कम। गर्मी में काफी बच्चों को बैठकर पढ़ना पड़ता है। बात खत्म होती कि कई बच्चे शिक्षकों के चेहरों की ओर देखकर थोड़े ङिाझकते हुए बोले कि अभी बैग तक नहीं मिले। पड़ोस में सफाई नहीं होने से बदबू आती है। लेकिन ऐसा हाल उक्त स्कूल का ही नहीं बल्कि तमाम स्कूलों का है।1बदहाल हैं स्कूल : करीब 600 स्कूलों में फर्नीचर नहीं होने से बच्चों को टाट-पट्टी पर बैठकर भविष्य संवारने को मजबूर होना पड़ता है। जनपद के 37 स्कूलों में बालक-बालिकाओं के लिए अलग-अलग शौचालय नहीं हैं। निरपुड़ा, फतेहपुर चक, पूरनपुर नवादा, गढ़ी कलंजरी, भड़ल तथा मवीकला, जागौस, कोताना, लुहारी, पट्टी मेहर बड़ौत, ओढ़ापुर समेत तमाम स्कूलों में बालक-बालिकाओं के लिए अलग-अलग शौचालय नहीं हैं। करीब 50 स्कूलों में विद्युतीकरण नहीं है। बाकी में कागजों पर कनेक्शन है, लेकिन धरातल पर बिजली कटी है, क्योंकि स्कूलों ने गत सात-आठ साल से ऊर्जा निगम का करोड़ों का बिजली बिल ही नहीं चुकाया है। 1आफत हैं जर्जर भवन1बागपत: प्राथमिक स्कूल दाहा नंबर एक के शौचालयों पर ताले लटके रहने से बच्चों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। इस स्कूल के परिसर में सालों से पुराना जर्जर भवन खड़ा है, जिसके कभी भी गिरने से बड़ा हादसा हो सकता है। उच्च प्राथमिक स्कूल टांडा के परिसर में भी जर्जर भवन से बड़ा हादसा हो सकता है। यहां शौचालय बदहाल है। वहीं अब्दुलपुर तथा निरोजपुर एम्मा स्थित परिषदीय विद्यालय में एक में सात व दूसरे में नौ विद्यार्थी शिक्षणरत हैं। दोनों स्कूल में कंप्यूटर, पानी की टंकी, शौचालय बदहाल मिले हैं।1स्कूल पर लटका मिला ताला1बागपत : बुधवार को बीएसए योगराज सिंह ने प्राथमिक स्कूलों में छापेमारी की लेकिन स्थिति बहुत खराब मिली। जूनियर हाईस्कूल रमाला पर ताला लटका देख बीएसए हैरान रह गए। स्कूल के गेट के बाहर बच्चे उछलकूद करते मिले। बीएसए ने जूनियर हाईस्कूल के चपरासी को निलंबित कर दिया। तीनों शिक्षकों का वेतन रोक दिया। प्राथमिक स्कूल नंबर दो लूंब में एक शिक्षिका बच्चे पढ़ाने के बजाय फोन पर बात करती मिली। दो शिक्षिका स्कूल खुलने के दो घंटे बाद भी ड्यूटी पर नहीं आई। प्राथमिक स्कूल नंबर तीन लूंब में भी दो शिक्षक नदारद मिलने पर बीएसए ने उनकी वेतनवृद्धि रोकने का आदेश दिया। प्राथमिक स्कूल नंबर एक टांडा, प्राथमिक स्कूल नंबर दो टांडा और जूनियर हाईस्कूल टांडा में शिक्षक बात करते और ऊंघते मिले। तीनों स्कूलों में बच्चे भी 60 फीसद नदारद मिले। तीनों स्कूलों के हेडमास्टरों को कार्रवाई की चेतावनी दी। बीएसए ने बताया कि लूंब गांव में तीन स्कूल बिना मान्यता के चलते मिले। इन बिना मान्यता के स्कूलों के संचालकों को मौके पर ही नोटिस जारी कर एक सप्ताह में स्कूल बंद नहीं करने पर रिपोर्ट दर्ज कराने की चेतावनी दी है।दोघट के प्राथमिक विद्यालय नंबर एक में फर्श पर बैठे बच्चे ’ जागरणदरकावादा के प्राथमिक विद्यालय में बदहाल पड़े शौचालय ’ जागरणकिशनपुर बराल गांव के प्राइमरी विद्यालय नंबर एक का टूटा पड़ा लेंटर ’ जागरणकिशनपुर बराल के प्राइमरी विद्यालय नंबर एक का बदहाल पड़ा कमरा ’ जागरणटांडा गांव का उच्च प्राथमिक विद्यालय ’ जागरणटांडा गांव के उच्च प्राथमिक विद्यालय का बदहाल शौचालय ’ जागरणदोघट के प्राथमिक विद्यालय के शौचालय पर लटके ताले ’ जागरणदोघट के प्राथमिक विद्यालय नंबर एक में लगा गंदगी का ढेर ’ जागरणदोघट के प्राथमिक विद्यालय का जजर्र भवन ’ जागरणअब्दुल ’ जागरणमनीष ’ जागरणबागपत के प्राथमिक विद्यालय में जमीन पर बैठकर पढ़ाई करते छात्र-छात्रएं ’ जागरणराशन के लिए मोहर लगाकर दी गई पर्चीप्रधानाध्यापक वेदप्रकाश कहने लगे कि शिक्षक 18 हैं, लेकिन कमरे कम। शिक्षकों के लिए चंदा कर शौचालय बनवाया है। अब बीएसए से मांग की है कि स्कूल में दो और शौचालय बनवाए

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