देवरिया : प्राइवेट स्कूलों को मात दे रहा परिषदीय विद्यालय, छात्रों को कंप्यूटर कक्षा के साथ ही दी जाती है स्मार्ट क्लास की सुविधा
लोगों के सहयोग से चलता है स्मार्ट क्लास : जनपद का यह पहला परिषदीय विद्यालय होगा, जिसमें स्मार्ट क्लास संचालित किया जाता है। प्रधानाध्यापक जयप्रकाश सिंह ने व्यापारियों के सामने विद्यालय के लिए कुछ करने की बात कही तो नगर के व्यापारी आगे बढ़कर चले आए और फिर हरसंभव मदद देने की बात कही। आखिरकार जयप्रकाश सिंह की पहल रंग लाई और विद्यालय के एक कमरे में निजी विद्यालय की तरह ही स्मार्ट क्लास संचालित किया जाता है। विद्यालय के बच्चों का कहना है कि कभी वे यह नहीं सोचे थे कि उन्हें भी कम्प्यूटर की शिक्षा मिल जाएगी और स्मार्ट क्लास के जरिये वह बड़े स्क्रीन पर पढ़ाई करेंगे।
संजय यादव ’ देवरिया । परिषदीय विद्यालय का नाम सुनते ही अभिभावक अपनी नाक-मुंह सिकोड़ने लगते हैं, लेकिन जनपद में एक ऐसा परिषदीय विद्यालय है, जो इस समय परिषदीय विद्यालयों के लिए नजीर पेश कर रहा है। निजी विद्यालयों को शिक्षा की गुणवत्ता के चलते मात दे रहा है। विद्यालय में कंप्यूटर शिक्षा के साथ ही स्मार्ट क्लास भी संचालित हो रहा है। ऐसे में अब लोग निजी विद्यालयों में अपने बच्चों को पढ़ाने की बजाए इस प्राथमिक विद्यालय में अपने बच्चों को भेजना अच्छा समझ रहे हैं।
हम बात कर रहे हैं जनपद के सलेमपुर उपनगर स्थित इचौना प्राथमिक विद्यालय की। जनपद में ऐसे तो शहर से लेकर हर ग्राम सभा में प्राथमिक विद्यालय है। लोगों की एक धारणा भी बन गई है कि परिषदीय विद्यालयों में पढ़ाई नहीं होती है। इसलिए अभिभावक अपने बच्चों को परिषदीय विद्यालयों में भेजने से कतराते हैं और बच्चों के भविष्य की चिंता के चलते उन्हें परिषदीय विद्यालयों में भेजने की बजाए निजी विद्यालयों में भेजते हैं। बच्चों की पढ़ाई के लिए निजी विद्यालय हजारों रुपये नामांकन से लेकर पठन-पाठन सामग्री के बदले वसूल लेते हैं, लेकिन इचौना प्राथमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक जयप्रकाश सिंह की पहल पर यह धारणा अब बदलने लगी है। यहां के बच्चे किसी कांवेंट विद्यालय से कम शिक्षा के बारे में जानकारी नहीं है। इन बच्चों को अंग्रेजी, गणित के साथ ही कंप्यूटर शिक्षा और स्मार्ट क्लास की सुविधा दी जाती है। जबकि बहुत से निजी विद्यालयों में भी स्मार्ट क्लास की सुविधा नहीं है। अब निजी विद्यालयों के बच्चे भी इस परिषदीय विद्यालय की तरफ अपना रुख करने लगे हैं। प्रधानाध्यापक जय प्रकाश सिंह कहते हैं कि अगर बच्चों को कुछ अच्छी शिक्षा देनी है और हमारे पाकेट से भी पैसा लगता है तो हम वह भी काम करते हैं। स्मार्ट क्लास संचालित करने में हमारे जेब से रुपया लगा है। साथ ही बच्चे टाई, बेल्ट भी निजी विद्यालय की तरह ही लगाकर आते हैं। उन्हें कहीं से हम यह एहसास नहीं होने देते कि वह निजी विद्यालय में नहीं पढ़ते। 124 घंटे है बिजली की व्यवस्था: भले ही निजी विद्यालयों में 24 घंटे बिजली न मिलती हो, लेकिन इस विद्यालय में तो चौबीस घंटे बिजली की व्यवस्था की गई है। विद्यालय में बिजली के अलावा इन्वर्टर की भी सुविधा है। दो माह पहले यूनियन बैंक सलेमपुर के शाखा प्रबंधक सुनील कुमार जायसवाल की पहल पर बैंक द्वारा सोलर व्यवस्था लगवाई गई है। अब बिजली कटने के बाद भी विद्यालय में आभास नहीं हो पाता है कि कब बिजली गई और कब आई? इस गर्मी के मौसम में सोलर के चलते बच्चों को बहुत राहत मिलती है।स्मार्ट क्लास ’ जागरणस्मार्ट क्लास में पढ़ते बच्चे ’ जागरण’>>जनपद के सलेमपुर उपनगर स्थित इचौना प्राथमिक विद्यालय पेश कर रहा नजीर 1’>>छात्रों को कंप्यूटर कक्षा के साथ ही दी जाती है स्मार्ट क्लास की सुविधा