जालसाजी कर नौकरी कर रहे दो शिक्षक बर्खास्त
श्रावस्ती: जालसाजी कर नौकरी कर रहे दो शिक्षकों को बर्खास्त कर दिया गया है। यह कार्रवाई बेसिक शिक्षा अधिकारी ने शिकायत में गड़बड़ी में पुष्टि होने के बाद की है। इस दौरान दोनों शिक्षकों ने लंबे समय तक नौकरी कर विभाग को लंबा चूना लगाया। यही नहीं एक ने तो बैंक में भी फर्जी अभिलेखों के सहारे पांच लाख रुपये से अधिक का कर्ज भी हासिल कर लिया।
जमुनहा ब्लॉक के जूनियर हाईस्कूल सोनपुरकला में सहायक अध्यापक के पद पर कार्यरत द्विजेंद्र नाथ पांडेय पुत्र वीरेंद्र प्रसाद पांडेय को बर्खास्त कर दिया गया है। इनकी नियुक्ति 10 फरवरी 2009 को विशिष्ट बीटीसी-2007 के तहत जमुनहा ब्लॉक के प्राइमरी स्कूल कलकलवा में बतौर सहायक अध्यापक भर्ती हुए थे। इसके लिए उन्होंने कूटरचित दस्तावेजों का सहारा लिया था। यह मामला छिपा रहता अगर 24 अप्रैल 2017 को सिद्धार्थनगर जिले के विजदेइया लोटन निवासी वास्तविक द्विजेंद्र नाथ पांडेय ने शिकायत न की होती। उसने शिकायत की कि मेरे नाम पहचान पत्र एवं शैक्षिक अभिलेखों के आधार श्रावस्ती जिले में कोई छद्म व्यक्ति नौकरी कर रहा है। इस मामले की जांच खंड शिक्षा अधिकारी जमुनहा को सौंपी गई। उनकी जांच में पाया गया कि शिक्षक के पद पर नकली द्विजेंद्र तैनात है। जांच शुरू होते ही नकली द्विजेंद्र गायब हो गया। जांचोपरांत धोखाधड़ी कर नौकरी हासिल करने वाले तथाकथित द्विजेंद्र नाथ पांडेय को बेसिक शिक्षा अधिकारी दीपिका चतुर्वेदी ने बर्खास्त कर दिया।
इसी तरह के मामले में जमुनहा ब्लॉक के प्राथमिक विद्यालय बनकटी में प्रधानाध्यापक के पद पर सेवारत अमरेंद्र नाथ तिवारी पुत्र हीरम नाथ तिवारी को बर्खास्त कर दिया गया है। उनकी नियुक्ति विशिष्ट बीटीसी-2008 के तहत नौ जुलाई 2010 को सहायक अध्यापक के पद पर जमुनहा ब्लॉक के फतेपुर प्राथमिक विद्यालय में हुई थी। यहां कार्यरत कथित अमरेंद्र ने महराजगंज जिले के भरपुरवा अड्डा बाजार निवासी अमरेंद्र नाथ तिवारी पुत्र हीरम नाथ तिवारी के अभिलेखों का सहारा लिया था। इस मामले की शिकायत भी वास्तविक अमरेंद्र ने की। उनके मुताबिक श्रावस्ती जिले के सोनवा थाना अंतर्गत भरोहिया गांव निवासी राजेंद्र प्रसाद पांडेय पुत्र अयोध्या प्रसाद पांडेय ने जाली दस्तावेजों का इस्तेमाल कर अमरेंद्र के नाम पर नौकरी हासिल की। यही नहीं एचडीएफसी बैंक भिनगा से पांच लाख 30 हजार रुपये का कर्ज ले लिया। इस मामले की भनक वास्तविक अमरेंद्र को लगी तो उसने जिलाधिकारी दीपक मीणा से शिकायत की। उनके निर्देश पर खंड शिक्षा अधिकारी जमुनहा जगतनरायन पटेल ने जांच की। जांच में कूटरचित दस्तावेजों के सहारे नौकरी हासिल कर ली। इस मामले में बीएसए ने कार्रवाई करते हुए बर्खास्त कर दिया है। दोनों अध्यापकों ने बर्खास्तगी के पहले सात-आठ वर्षो की नौकरी में लाखों रुपये बतौर वेतन उठाए। यही नहीं अपनी धोखाधड़ी की हरकतों से विभाग की साख को भी बट्टा लगाया।