रामपुर : अब निजी स्कूलों की मनमानी पर प्रशासन कसेगा शिकंजा
रामपुर। सीबीएसई स्कूलों की मनमानी से हर खासो आम त्रस्त है। सीबीएसई स्कूल जिलाधिकारी के आदेशों को भी हवा में उड़ा रहे हैं। जिला प्रशासन सीबीएसई स्कूलों की हठधर्मी पर शिकंजा कसने की तैयारी में है। इसके लिए डीएम ने टीमों का गठन कर दिया है जोकि, कई मामलों में अलग-अलग जांच कर रिपोर्ट देंगी और सख्त कार्रवाई होगी। प्राइवेट स्कूलों में फीस का कोई मानक तय नहीं है,स्कूल प्रबंधक अपनी मनमर्जी से हर साल फीस बढ़ा देते हैं। उसी स्कूल में पढ़ रहे बच्चे की हर साल एडमीशन फीस ली जाती है। छोटे-छोटे क्लासों में फीस दो हजार रुपये प्रतिमाह तक वसूली जा रही है। इसके अलावा एनसीआरटी के कोर्स से सीबीएसई स्कूलों के प्रबंधक घबराते हैं। प्राइवेट पब्लिशर्स की किताबों को कोर्स में शामिल कराया जाता है। किताबों कापियों, ड्रेस,ट्रासपोर्टिंग सबमें सीबीएसई स्कूलों का कमीशन बंधा हुआ है। कुछ स्कूल स्कूलों की भीतर ही कापी किताबों और ड्रेस मेटेरियल की दुकानें लगाते हैं। सामाजिक संगठन, राजनैतिक दल एवं रामपुर अभिभावक संघ सीबीएसई स्कूलों पर फीस का मानक तय करने एवं स्कूलों में एनसीआरटी कोर्स लागू किए जाने की मांग लंबे अर्से से कर रहे हैं। जिलाधिकारी ने सीबीएसई स्कूलों के खिलाफ सख्त रुख अपनाते हुए सीबीएसई स्कूलों की फीस और स्कूल में कापी किताबों और ड्रेस की बिक्री करने वालों को चिंहित करने के अलावा सभी प्राइवेट पब्लिकेशन के बुक्स का पक्का बिल दुकानदारों द्वारा टिन नंबर के साथ नहीं दिया जाता। इसकी जांच के लिए सहायक असिस्टेंट कमिश्नर वाणिज्य कर एवं जिला विद्यालय निरीक्षक देवकी सिंह को सौंपी है। स्कूली बसों, आटो मिनी बस आदि की फिटनेस की जांच सहायक सम्भागीय पविहन अधिकारी को दी गई है। स्कूल के बच्चों के ड्रेस के पक्के बिल उपलब्ध कराए जाने के लिए सहायक असिस्टेंट कमिश्नर वाणिज्य कर/जिला विद्यालय निरीक्षक को निर्देश दिए हैं।