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इलाहाबाद : अनुदानित संस्कृत विद्यालय की नियुक्तियों में हेराफेरी, अफसर-लिपिकों ने अपनों की खातिर निदेशालय में बदली सूची

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इलाहाबाद : अनुदानित संस्कृत विद्यालय की नियुक्तियों में हेराफेरी, अफसर-लिपिकों ने अपनों की खातिर निदेशालय में बदली सूची

राज्य ब्यूरो, इलाहाबाद । कुशीनगर के एक अनुदानित संस्कृत विद्यालय की नियुक्तियों में हेराफेरी का सनसनीखेज मामला सामने आया है। माध्यमिक शिक्षा विभाग के अफसर व लिपिकों ने मिलकर विद्यालय से उन शिक्षकों को बाहर कर दिया है जो 25 वर्ष से पढ़ा रहे थे। उनकी जगह शिक्षकों की सूची में अपने परिवारीजन और रिश्तेदारों का नाम जोड़ दिया है। खास बात यह है कि शिक्षक बनने वालों ने विद्यालय का मुंह ही नहीं देखा है।

प्रदेश की पूर्ववर्ती सपा सरकार ने दो चरणों में सूबे के संस्कृत विद्यालयों को अनुदान पर लिया था। पहले चरण में 77 व दूसरे में 29 समेत कुल 106 विद्यालयों को अनुदान सूची में लिया गया। दूसरे चरण में 13 अप्रैल 2016 को अनुदान सूची में शामिल किये गए 29 संस्कृत विद्यालयों मे से प्रत्येक में पांच पद (एक प्रधानाचार्य व चार शिक्षक) स्वीकृत किए गए। इन अनुमोदित शिक्षकों को सरकारी वेतन मिलना था। इनमें 14वें नंबर पर शामिल संस्कृत विद्या प्रबोधिनी पाठशाला हाटा कुशीनगर में हेराफेरी की गई है। यहां प्रधानाचार्य व शिक्षक कई वर्ष से कार्यरत हैं, जो शासन के नियमानुसार संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय वाराणसी से चयनित और अनुमोदित भी हैं। यहां की सूची में चौथे नंबर के शिक्षक अच्युतानंद मिश्र का नाम हटाकर उप शिक्षा निदेशक कार्यालय के एक लिपिक ने अपने परिजन अनीता सिंह का नाम शामिल कर दिया है।

इसी तरह पांचवें नंबर पर गोदेनाथ तिवारी की जगह अशोक कुमार सिंह की नियुक्ति दिखा दी गई। अच्युतानंद मिश्र की नियुक्ति 1992 की है, जबकि उनकी जगह शामिल अनीता सिंह की नियुक्ति 2007 की दिखाई गई है। फर्जी दस्तावेजों के आधार पर पांचवें नंबर पर शामिल अशोक कुमार सिंह की नियुक्ति 2013 की दिखाई गई है। विद्यालय प्रबंधक की सूची में गोदेनाथ तिवारी तीसरे नंबर पर थे, लेकिन उनकी जगह उसी सूची में छठवें नंबर के नंदेश्वर मिश्र को कर दिया गया

विद्यालय की सूची से गोदेनाथ तिवारी, अच्युतानंद मिश्र, जय प्रकाश त्रिपाठी व महेंद्र नाथ त्रिपाठी को बाहर कर दिया गया है। यही नहीं शिक्षा निदेशक माध्यमिक अमरनाथ वर्मा ने 29 दिसंबर 2016 को विवादित सूची जारी करके विद्यालय को अनुदान पर लेने की स्वीकृति भी दी है। इस बारे में पूछने पर पर वर्मा ने कहा कि संस्कृत विद्या प्रबोधिनी पाठशाला हाटा कुशीनगर के शिक्षकों की सूची में प्रबंधक ने फेरबदल किया है। इसकी शिकायत मिलने पर जांच कराकर विवादित सूची निरस्त कर दी है।

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