शासनादेश का फरमान बेअसर, फर्जी स्कूलों पर नहीं हुई कार्रवाई
जागरण संवाददाता, ज्ञानपुर (भदोही): बेसिक शिक्षा विभाग शासनादेश को रद्दी की टोकरी में डाल चुका है। अभी तक एक भी बगैर मान्यता संचालित स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की जा सकी है।आलम यह है कि जगह-जगह कुकुरमुत्तों की तरह खुले स्कूलों पर अंकुश नहीं लग पा रहा है। एक ओर सरकारी स्कूलों में बच्चों की संख्या में कमी आ रही है तो वहीं फर्जी ढंग से चल रहे कान्वेंट स्कूलों की चांदी कट रही है।
गांव और नगर की गली-गली में संचालित बगैर मान्यता स्कूलों ने सरकारी स्कूलों की स्थिति को बिगाड़कर रख दिया है। परिषदीय स्कूलों पर प्रत्येक वर्ष करोड़ों रुपये भले ही खर्च किए जा रहे हों लेकिन बच्चों की संख्या नहीं बढ़ पा रही है। बावजूद इसके महकमा कार्रवाई करने से कतरा रहा है। यह स्थिति तब है जब महकमे के पास बगैर मान्यता संचालित स्कूलों की पूरी सूची है। हद तो तब हो जाती है जब मान्यता कहीं का और स्कूल कहीं संचालित किया जा रहा है। वर्तमान समय में जिले में इनकी संख्या एक- दो नहीं बल्कि सैकड़ों की तादात में है। बगैर मान्यता संचालित स्कूलों पर भले ही शासन की ओर से शिकंजा कस दिया हो लेकिन महकमे के लिए शासनादेश दुधारू गाय साबित हो रहा है। प्राथमिक एवं पूर्व माध्यमिक विद्यालय संचालित होते हुए भी मोटी रकम लेकर एनओसी जारी कर दिया जा रहा है। गोपीगंज, भदोही, ज्ञानपुर, सुरियावां और औराई आदि क्षेत्रों में तो इस कदर बगैर मान्यता स्कूल संचालित किए जा रहे है जैसे बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से पूरी छूट दे दी गई हो। शासन की ओर से फरमान मिलते ही खंड शिक्षा अधिकारी आनन- फानन नोटिस की की खानापूर्ति कर लेते हैं। इसके पश्चात हथेली गरम होते ही शासनादेश को रद्दी की टोकरी में डाल देते हैं। शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने बताया कि कई बार नोटिस दी गई। इसके बाद भी स्कूल बंद नहीं किए जा रहे हैं। इसमें जब तक जिलाधिकारी स्तर से कार्रवाई नहीं होगी तब तक शिक्षा विभाग कुछ भी नहीं कर सकता है।