लखनऊ : खाली सीटों पर सीधे दाखिले के लिए 60 फीसदी अंक की अनिवार्यता खत्म
प्रमुख संवाददाता- राज्य मुख्यालय राज्य सरकार ने निजी इंजीनियरिंग व मैनेजमेंट कॉलेजों में काउंसलिंग के बाद खाली बची सीटों पर दाखिले के लिए 60 फीसदी अंक की अनिवार्यता समाप्त कर दी है। विशेष सचिव प्राविधिक शिक्षा अबरार अहमद ने शुक्रवार को शासनादेश जारी कर दिया। डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय से संबद्ध निजी इंजीनियरिंग व मैनेजमेंट कॉलेजों में खाली बचने वाली सीटों पर दाखिले के लिए 15 मई 2017 को शासनादेश जारी किया गया था। इसमें उत्तर प्रदेश राज्य प्रवेश परीक्षा (यूपीएसईई) की काउंसलिंग के बाद खाली बचने वाली सीटों पर दाखिले के लिए न्यूनतम अंक की अनिवार्यता रखी गई थी। इंजीनियरिंग में दाखिले को भौतिक विज्ञान, रसायन शास्त्र, गणित या भौतिक विज्ञान, रसायन विज्ञान व जीव विज्ञान से इंटर पास करने वाले सामान्य वर्ग के छात्रों के लिए 60 फीसदी न्यूनतम अंक अनिवार्य किया गया था। इसी तरह अनुसूचित जाति व जनजाति के लिए 55 प्रतिशत अंकों की अनिवार्यता रखी गई थी। इसी तरह एमबीए व एमसीए की काउंसलिंग के बाद खाली बचने वाली सीटों पर दाखिले के लिए स्नातक में सामान्य वर्ग 55 और अनुसूचित जाति व जनजाति के लिए 50 फीसदी अंक की अनिवार्यता रखी गई थी। राज्य सरकार ने अब अंकों की अनिवार्यता समाप्त कर दी है। कॉलेज प्रबंधन अब काउंसलिंग के बाद खाली सीटों पर मेरिट के आधार पर दाखिला देगा। खाली सीटों पर दाखिले के लिए कॉलेज प्रबंधन आवेदन प्राप्त करेगा। आवेदन के आधार पर मेरिट बनाते हुए उसे विश्वविद्यालय की वेबसाइड पर प्रदर्शित किया जाएगा। इसके बाद मेरिट के आधार पर काउंसलिंग के बाद खाली बचने वाली सीटों पर दाखिला दिया जाएगा।