इलाहाबाद : योग व छात्रों के ‘संयोग’ में अफसर बने बाधा, कक्षा 9 व 10 का जिम्मा शारीरिक शिक्षकों को सौंपने की तैयारी शुरू नौ दिन बाद शुरू होगा नया शैक्षिक सत्र
🔴 कक्षा 11 व 12 में शिक्षकों की पदावनति आदेश से पेंच
राज्य ब्यूरो, इलाहाबाद : यूपी बोर्ड के पाठ्यक्रम में योग को इस साल विस्तार मिला है। कक्षा नौ से लेकर 12 तक पढ़ाई का पूरा खाका पिछले महीनों में खींचा जा चुका है। नया शैक्षिक सत्र नौ दिन बाद शुरू हो रहा है, लेकिन अब तक यह तय नहीं हो सका है आखिर योग का छात्रों से ‘संयोग’ यानी पढ़ाई कराएगा कौन? शारीरिक शिक्षकों को पदावनति करने की नोटिस दी जा चुकी है, ऐसे में कक्षा 11 व 12 में प्रशिक्षण व पढ़ाई कराने का पेंच फंस गया है। 1माध्यमिक शिक्षा परिषद यानी यूपी बोर्ड में योग की पढ़ाई पहले से चल रही है। इस साल प्रदेश में भाजपा के सत्ता में आने के बाद योग को पाठ्यक्रम में विस्तार देने का आदेश हुआ। परिषद ने पतंजलि योग पीठ हरिद्वार से प्रशिक्षकों को बुलाकर नए सिरे से कक्षा नौ से लेकर 12 तक की कक्षाओं में योग की पढ़ाई को विस्तार दिया। पहले इन कक्षाओं की लिखित परीक्षा में पांच से छह के प्रश्न पूछे जाते थे और इतने ही अंकों की प्रायोगिक परीक्षा होती थी। अब इसे बढ़ाकर 20-20 अंक लिखित व प्रायोगिक दोनों परीक्षाओं में कर दिया गया है। नए पाठ्यक्रम का गजट हो चुका है और वह विद्यालयों में भेजा जा रहा है। अब तक शारीरिक शिक्षक ही सामान्य योग की शिक्षा देते आए हैं लेकिन, योग को विस्तार मिलने के बाद पढ़ाई और प्रशिक्षण दोनों कठिन हो गया है। इसके लिए योग शिक्षकों की जरूरत है, लेकिन उसका इंतजाम नहीं किया गया है। पिछले महीने सभी जिलों में शारीरिक शिक्षकों को ही पांच दिन का योग का विशेष प्रशिक्षण दिया गया है, ताकि जुलाई से पढ़ाई शुरू हो सके। इससे कक्षा नौ व 10 में पढ़ाने का तो इंतजाम हो गया है लेकिन, कक्षा 11 व 12 की समस्या ज्यों की त्यों है। असल में 2006 के शासनादेश के तहत उन शारीरिक शिक्षकों को प्रवक्ता पद पर पदोन्नत कर दिया गया, जिनकी सेवा दस वर्ष की पूरी हो चुकी थी। इससे यह पदोन्नत शिक्षक कक्षा 11 व 12 में पढ़ाने के अर्ह हो गए लेकिन, माध्यमिक शिक्षा निदेशक अमरनाथ वर्मा ने छह अक्टूबर, 2015 को आदेश दिया कि 1996 के पहले के वही शिक्षक पदोन्नत होंगे जिनका ग्रेड पे 1600-2600 रहा हो। इसके बाद पदोन्नत शिक्षकों को पदावनत करने की नोटिस जारी हुईं। हालांकि कई शिक्षक हाईकोर्ट से स्थगनादेश ले आए हैं, उन्हें एलटी ग्रेड शिक्षक ही माना जा रहा है। ऐसे में इंटर स्तर की कक्षाओं में योग पढ़ाने की विकट समस्या खड़ी हो गई है। विभागीय अफसर नये सत्र में योग की पढ़ाई को लेकर कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है।