एक छत के नीचे 'प्राइमरी का मास्टर' से जुड़ी शिक्षा विभाग
की समस्त सूचनाएं एक साथ

"BSN" प्राइमरी का मास्टर । Primary Ka Master. Blogger द्वारा संचालित.

जनपदवार खबरें पढ़े

अटेवा अयोध्या अवकाश आंगनबाड़ी आंदोलन इलाहाबाद उत्तर प्रदेश उन्नयन उन्नाव उपस्थिति एनपीएस कन्वर्जन कास्ट कस्तूरबा कानपुर कार्यवाही कुशीनगर क्रीड़ा प्रतियोगिता गाजीपुर गोण्डा गोरखपुर चंदौली चुनाव जनपदवार खबरें जनपदीय रैली जर्जर भवन जीपीएफ जूनियर शिक्षक संघ जौनपुर ज्ञापन झांसी डायट देवरिया देहरादून नई दिल्ली नवोदय विद्यालय निपुण बैठक निरीक्षण निलम्बन नोटिस पदोन्नति परीक्षा कार्यक्रम पीलीभीत प्रतापगढ़ प्रदर्शन प्रयागराज प्रशिक्षण प्राथमिक शिक्षक संघ फर्जीवाड़ा बस्ती बायोमीट्रिक हाजिरी बेसिक क्रीड़ा प्रतियोगिता महराजगंज माता उन्मुखीकरण लखनऊ वाराणसी शाहजहांपुर शिक्षा विभाग संतकबीरनगर सिद्धार्थनगर

Search Your City

इलाहाबाद : नियमों को ताक पर रखकर शिक्षकों की फर्जी नियुक्तियां करने वाले अफसर की कार्यशैली पर बर्खास्तगी की कार्रवाई भी लगाम न लगा सकी, बर्खास्तगी के बाद भी मलाईदार कुर्सी

0 comments

इलाहाबाद : नियमों को ताक पर रखकर शिक्षकों की फर्जी नियुक्तियां करने वाले अफसर की कार्यशैली पर बर्खास्तगी की कार्रवाई भी लगाम न लगा सकी, बर्खास्तगी के बाद भी मलाईदार कुर्सी

राज्य ब्यूरो, इलाहाबाद : नियमों को ताक पर रखकर शिक्षकों की फर्जी नियुक्तियां करने वाले अफसर की कार्यशैली पर बर्खास्तगी की कार्रवाई भी लगाम न लगा सकी। शिक्षा महकमे में अपनी पहुंच और पैसे के दम पर उसे मलाईदार कुर्सी भी मिलती रही। बड़े पद पर तैनाती के बाद भी मनमानी कार्यशैली नहीं बदली। पहले प्राथमिक और बाद में माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षकों की फर्जी नियुक्तियां कर डालीं। पानी सिर से ऊपर हुआ, तब उप्र लोकसेवा आयोग इलाहाबाद ने दोबारा उसकी बर्खास्तगी का अनुमोदन कर दिया। हाईकोर्ट ने भी अफसर को बर्खास्त करने का आदेश दिया, लेकिन नौकरशाही ने सख्त कार्रवाई करने के बजाय उसका तबादला कर दिया है। 1ये अफसर कोई और नहीं बलिया के निवर्तमान प्रभारी जिला विद्यालय निरीक्षक (डीआइओएस) रमेश सिंह हैं, जिनका गुरुवार को बलिया से वरिष्ठ प्रवक्ता डायट सुलतानपुर के पद पर तबादला किया गया है। शिक्षा महकमे में अलग कार्यशैली के लिए ये शुरू से चर्चित रहे हैं। शायद इसीलिए उन्हें 24 मार्च 2003 और फिर 28 जुलाई 2005 में अलग-अलग वजहों से निलंबित किया गया। रमेश सिंह 2007 में जब बस्ती में बेसिक शिक्षा अधिकारी रहे, उस दौरान उन्होंने प्राथमिक स्कूलों में बड़ी संख्या में शिक्षकों की फर्जी नियुक्तियां कर दीं। यह प्रकरण इतना तूल पकड़ा कि उप्र लोकसेवा आयोग ने 21 अप्रैल 2008 को उन्हें महकमे से बर्खास्त करने का अनुमोदन कर दिया। खास बात यह है कि रमेश सिंह के अलावा चार अन्य बेसिक शिक्षा अधिकारियों को भी ऐसी ही शिकायतों पर बर्खास्त करने का अनुमोदन आयोग की ओर से हुआ। बाकी चार अफसर इस कार्रवाई के बाद हाशिये पर चले गये, लेकिन रमेश सिंह ने हाईकोर्ट में एक के बाद एक कई याचिकाएं दाखिल कीं। तीन फरवरी 2010 को रमेश सिंह को बर्खास्तगी के आदेश पर स्थगनादेश हासिल हो गया। इसके बाद रमेश अपने अंदाज में कई जिलों में अहम पदों पर रहकर कार्य करते रहे। 1शिक्षा महकमे में ‘ख’ वर्गीय अफसर होते हुए भी उन्हें सपा सरकार में बलिया जैसे जिले में ‘क’ वर्गीय पद पर प्रभारी जिला विद्यालय निरीक्षक के रूप में नियुक्ति मिली। यहां भी रमेश सिंह ने अपनी शैली में कामकाज जारी रखा। इस दौरान उन्होंने माध्यमिक विद्यालयों में बड़ी संख्या में फर्जी नियुक्तियां कर डालीं और यह प्रकरण नये सिरे से हाईकोर्ट पहुंच गया। बीते दो जून 2017 को उप्र लोकसेवा आयोग ने दोबारा रमेश सिंह की बर्खास्तगी का अनुमोदन करके शासन को भेज दिया। इसी बीच एक याचिका की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने भी सरकार को निर्देश दिया कि रमेश सिंह को बर्खास्त कर दिया जाए। आरोप है कि बर्खास्त होने के बाद भी रमेश सिंह ने एक सौ से अधिक शिक्षकों की नियुक्ति का अनुमोदन दे दिया है, जबकि वह शिक्षक फर्जी हैं।

राज्य ब्यूरो, इलाहाबाद : नियमों को ताक पर रखकर शिक्षकों की फर्जी नियुक्तियां करने वाले अफसर की कार्यशैली पर बर्खास्तगी की कार्रवाई भी लगाम न लगा सकी। शिक्षा महकमे में अपनी पहुंच और पैसे के दम पर उसे मलाईदार कुर्सी भी मिलती रही। बड़े पद पर तैनाती के बाद भी मनमानी कार्यशैली नहीं बदली। पहले प्राथमिक और बाद में माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षकों की फर्जी नियुक्तियां कर डालीं। पानी सिर से ऊपर हुआ, तब उप्र लोकसेवा आयोग इलाहाबाद ने दोबारा उसकी बर्खास्तगी का अनुमोदन कर दिया। हाईकोर्ट ने भी अफसर को बर्खास्त करने का आदेश दिया, लेकिन नौकरशाही ने सख्त कार्रवाई करने के बजाय उसका तबादला कर दिया है। 1ये अफसर कोई और नहीं बलिया के निवर्तमान प्रभारी जिला विद्यालय निरीक्षक (डीआइओएस) रमेश सिंह हैं, जिनका गुरुवार को बलिया से वरिष्ठ प्रवक्ता डायट सुलतानपुर के पद पर तबादला किया गया है। शिक्षा महकमे में अलग कार्यशैली के लिए ये शुरू से चर्चित रहे हैं। शायद इसीलिए उन्हें 24 मार्च 2003 और फिर 28 जुलाई 2005 में अलग-अलग वजहों से निलंबित किया गया। रमेश सिंह 2007 में जब बस्ती में बेसिक शिक्षा अधिकारी रहे, उस दौरान उन्होंने प्राथमिक स्कूलों में बड़ी संख्या में शिक्षकों की फर्जी नियुक्तियां कर दीं। यह प्रकरण इतना तूल पकड़ा कि उप्र लोकसेवा आयोग ने 21 अप्रैल 2008 को उन्हें महकमे से बर्खास्त करने का अनुमोदन कर दिया। खास बात यह है कि रमेश सिंह के अलावा चार अन्य बेसिक शिक्षा अधिकारियों को भी ऐसी ही शिकायतों पर बर्खास्त करने का अनुमोदन आयोग की ओर से हुआ। बाकी चार अफसर इस कार्रवाई के बाद हाशिये पर चले गये, लेकिन रमेश सिंह ने हाईकोर्ट में एक के बाद एक कई याचिकाएं दाखिल कीं। तीन फरवरी 2010 को रमेश सिंह को बर्खास्तगी के आदेश पर स्थगनादेश हासिल हो गया। इसके बाद रमेश अपने अंदाज में कई जिलों में अहम पदों पर रहकर कार्य करते रहे। 1शिक्षा महकमे में ‘ख’ वर्गीय अफसर होते हुए भी उन्हें सपा सरकार में बलिया जैसे जिले में ‘क’ वर्गीय पद पर प्रभारी जिला विद्यालय निरीक्षक के रूप में नियुक्ति मिली। यहां भी रमेश सिंह ने अपनी शैली में कामकाज जारी रखा। इस दौरान उन्होंने माध्यमिक विद्यालयों में बड़ी संख्या में फर्जी नियुक्तियां कर डालीं और यह प्रकरण नये सिरे से हाईकोर्ट पहुंच गया। बीते दो जून 2017 को उप्र लोकसेवा आयोग ने दोबारा रमेश सिंह की बर्खास्तगी का अनुमोदन करके शासन को भेज दिया। इसी बीच एक याचिका की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने भी सरकार को निर्देश दिया कि रमेश सिंह को बर्खास्त कर दिया जाए। आरोप है कि बर्खास्त होने के बाद भी रमेश सिंह ने एक सौ से अधिक शिक्षकों की नियुक्ति का अनुमोदन दे दिया है, जबकि वह शिक्षक फर्जी हैं।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

महत्वपूर्ण सूचना...


बेसिक शिक्षा परिषद के शासनादेश, सूचनाएँ, आदेश निर्देश तथा सभी समाचार एक साथ एक जगह...
सादर नमस्कार साथियों, सभी पाठकगण ध्यान दें इस ब्लॉग साईट पर मौजूद समस्त सामग्री Google Search, सोशल नेटवर्किंग साइट्स (व्हा्ट्सऐप, टेलीग्राम एवं फेसबुक) से भी लिया गया है। किसी भी खबर की पुष्टि के लिए आप स्वयं अपने मत का उपयोग करते हुए खबर की पुष्टि करें, उसकी पुरी जिम्मेदारी आपकी होगी। इस ब्लाग पर सम्बन्धित सामग्री की किसी भी ख़बर एवं जानकारी के तथ्य में किसी भी तरह की गड़बड़ी एवं समस्या पाए जाने पर ब्लाग एडमिन /लेखक कहीं से भी दोषी अथवा जिम्मेदार नहीं होंगे, सादर धन्यवाद।