बाल वैज्ञानिक अवार्ड को स्कूल ही इंस्पायर नहीं
जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद : बच्चों में वैज्ञानिक सोच विकसित करने के लिए सरकार तो प्रयत्नशील है। मगर स्कूलों की बेरुखी आड़े आ रही है। बाल वैज्ञानिकों के लिए इंस्पायर अवार्ड योजना की स्थिति यह है कि जिले के 885 माध्यमिक, परिषदीय व अनुदानित जूनियर स्कूलों में से 685 विद्यालयों ने रुचि ही नहीं दिखाई। जबकि आनलाइन नामांकन की आखिरी तिथि 30 जून को महज कुछ दिन ही बचे हैं।
सरकार की मंशा है कि गांव की पग डंडियों से लेकर शहर की पॉश कालोनियों तक के बच्चों का रुझान विज्ञान की ओर बढ़े। बच्चे प्रोजेक्ट का खाका खींचें, सरकार की ओर से इसके लिए प्रत्येक छात्र को पांच हजार रुपये प्रोत्साहन राशि दी जाती है। ताकि प्रोजेक्ट को पूरा कर बच्चे वैज्ञानिक प्रतिभा का बेहतर प्रदर्शन कर सकें। जिले के परिषदीय उच्च प्राथमिक विद्यालयों के कक्षा 6, 7 व 8 के एक-एक बच्चे का ऑनलाइन आवेदन कराया जा रहा है। बच्चे अपने प्रोजेक्ट के संबंध में एक पेज का विवरण लिखते हैं। यह विवरण आवेदन के साथ स्केन किया जाता है। 51 अनुदानित जूनियर स्कूलों के छात्रों का भी आवेदन होना है। वहीं 259 माध्यमिक विद्यालयों के कक्षा 6, 7, 8, 9 व 10 के एक-एक छात्र यानि हर विद्यालय से कुल पांच छात्रों का आवेदन किया जाना है। प्रधानाचार्यों को कई बार पत्र भेजे जाने के बावजूद महज 200 विद्यालयों ने ही इंस्पायर अवार्ड योजना में छात्रों का ऑनलाइन आवेदन कराया है।
जिला विद्यालय निरीक्षक पीएस यादव ने बताया कि बच्चों की वैज्ञानिक प्रतिभा निखारने के प्रयासों में संस्था प्रधानों को रुचि दिखानी चाहिए। अंतिम तिथि तक अधिक से अधिक विद्यालयों को योजना में शामिल कराया जाएगा।