रंग-बिरंगे नजर आएंगे परिषदीय विद्यालय
जागरण संवाददाता, इटावा : नितांत परंपरागत व बोझिल से प्रतीत होने वाले परिषदीय विद्यालयों का कायाकल्प किया जाएगा। जिसके बाद वे नए कलेवर में रंग-बिरंगे नजर आएंगे। इन्हें न सिर्फ वॉल पें¨टग कर आकर्षक बनाया जाएगा बल्कि यहां बाल पुस्तकालय में लर्निग-री¨डग कॉर्नर में बच्चों के उपयोग की किताबें उपलब्ध कराई जाएंगी। बेसिक शिक्षा के लिए जिलाधिकारी की पहल पर तैयार की गई कार्ययोजना में इस तरह के कई प्रावधान किए गए हैं। जहां तक बजट का सवाल है तो ये सभी कार्य सामुदायिक सहयोग से कराए जाएंगे।
जिले के प्राइमरी व जूनियर विद्यालयों में कक्षावार ¨हदी, अंग्रेजी, गणित, विज्ञान व सामाजिक विज्ञान के 10-10 अध्यापकों की कोर कमेटी गठित की जाएगी। यह कमेटी पाठ्यक्रम को रुचिकर बनाने के लिए सुझाव देगी। इन सुझावों पर विचार कर सभी विद्यालयों में कार्ययोजना लागू कराने की जिम्मेदारी विभाग की होगी। आगामी सत्र से परिषदीय विद्यालयों में प्रत्येक 15 दिन में विद्यार्थियों की शैक्षिक प्रगति का आकलन टेस्ट पेपर के जरिये किया जाएगा। अच्छा प्रदर्शन न करने वाले बच्चों के लिए रेमेडियल टी¨चग का प्रावधान भी किया गया है। अध्यापक अथवा समुदाय का कोई व्यक्ति शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करता है तो उसे विभिन्न स्तरों पर सम्मानित कराया जाएगा।
ये सुविधाएं होंगी : विद्यालयों में र¨नग वॉटर अर्थात पीने के लिए शुद्ध पानी की व्यवस्था व शौचालय तक पानी मुहैया होने के साथ ही बिजली की उपलब्धता जरूरी है। एमडीएम खाने के लिए बच्चों के बैठने के लिए सीमेंटेड प्लेटफॉर्म व उसके ऊपर धूप व बारिश से बचने के लिए हरी या नीली फाइबर शीट की छांव भी होगी। विद्यालय की दीवारों पर विभिन्न रचनात्मक, सूचनात्मक और शैक्षिक जानकारियों वाली रंग-बिरंगी वॉल पें¨टग कराने का कार्य भी जारी है।
कई विद्यालयों का हो चुका कायाकल्प : प्राथमिक विद्यालय सूखाताल और प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालय कांधनी लगभग तैयार हैं, जबकि कुरसैना, भगवानपुरा, अकबरपुर, नौधना, नगला मके, शिवरा स्थित परिषदीय विद्यालय सभी सुविधाओं से पहले ही पूर्ण हो चुके हैं।
क्या कहते हैं अफसर
विद्यालयों व शिक्षा की गुणवत्ता के लिए जिलाधिकारी सेल्वा कुमारी जे की पहल पर तैयार कार्ययोजना पर युद्ध स्तर पर कार्य चल रहा है। - ओपी ¨सह, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी।