फर्जी टीईटी अंकपत्र से नौकरी पर शिक्षकों को नोटिस
जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद : फर्जी टीईटी अंकपत्र से कई शिक्षकों द्वारा नौकरी किए जाने का मामला दैनिक जागरण ने प्रमुखता से प्रकाशित किया था। सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी इलाहाबाद से कराए जा रहे सत्यापन में कई शिक्षकों की टीईटी मार्क्सशीट फर्जी होने की पुष्टि हो गई। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने कानपुर नगर निवासी शिक्षिका सहित तीन अध्यापकों को सेवा समाप्ति व कानूनी कार्रवाई किए जाने के लिए नोटिस देकर स्पष्टीकरण मांगा है।
प्रदेश में 72825 शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया में जिले में 394 पदों पर नियुक्ति हुई। इनमें से कुछ शिक्षकों ने शिक्षक पात्रता परीक्षा(टीईटी) के फर्जी अंकपत्र से नौकरी हासिल कर ली। बुंदेलखंड विश्वविद्यालय झांसी की बीएलएड व डा. अंबेडकर विश्वविद्यालय आगरा की स्नातक की फर्जी मार्क्सशीट के आधार पर 31 अभ्यर्थियों को पिछले साल चयन सूची से बाहर किया गया था। उसी समय जागरण ने टीईटी के फर्जी अंकपत्र से नौकरी किए जाने का मामला उठाया था। अब तक तीन शिक्षकों के टीईटी अंकपत्र फर्जी होने की आख्या परीक्षा संस्था 'सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी' द्वारा आ चुकी है। इसमें कानपुर नगर के फैथफुलगंज कैंट निवासी उम्मे रूमाना भी शामिल हैं, जिनकी नियुक्ति प्राथमिक विद्यालय कंतला में हुई। जिले के मोहम्मदाबाद ब्लॉक के अलावलपुर निवासी शांतिस्वरूप के अंकपत्र में भी नंबर बढ़ाए गए। इनकी नियुक्ति प्राथमिक विद्यालय खान आलमपुर में है। नरायनपुर गढि़या निवासी प्रीति कटियार की बीएसए कार्यालय में जमा अंकपत्र से भिन्न अंक होने की रिपोर्ट परीक्षा नियामक प्राधिकारी ने भेजी है। प्रीति की नियुक्ति प्राथमिक विद्यालय सलमापुर में है।
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी संदीप चौधरी ने बताया कि सभी शिक्षकों को तदर्थ आधार पर नियुक्ति दी गई थी। शिक्षकों को नोटिस देकर एक सप्ताह में स्पष्टीकरण मांगा गया है। नोटिस में कहा गया है कि परीक्षा संस्था द्वारा फर्जी टीईटी अंकपत्र की रिपोर्ट भेजी गई है। इस आधार पर क्यों न नौकरी समाप्त कर दी जाए और कानूनी कार्रवाई कर दी जाए।