तबादले नहीं होने से शिक्षक मायूस
जागरण संवाददाता, एटा : जून का पहला पखवाड़ा गुजरने को है। इसके बावजूद अभी तक शासन ने जनपदीय शिक्षकों के तबादले को लेकर कोई भी स्पष्ट दिशा-निर्देश या नीति जारी नहीं की है। ऐसी स्थिति में जिले के अंदर ही तबादलों की आस लगाए बैठे शिक्षक मायूस हैं। उधर पिछले साल तक अंतरजनपदीय तबादलों को लेकर खुश रहे शिक्षकों को नई सरकार की नीति ने निराश कर दिया है।
प्रदेश में योगी सरकार बनने के बाद बेसिक शिक्षा विभाग ने अभी तक शिक्षकों के स्थानांतरण को लेकर विस्तृत नीति नहीं आई है। जिले में ही तबादलों के लिए जून के पहले सप्ताह ऑनलाइन आवेदन कराए जाने की बात कही गई, लेकिन अभी तक प्रक्रिया शुरू होना तो दूर शासन ने इसके संबंध में विभाग को किसी भी तरह के दिशा-निर्देश नहीं दिए हैं। पांच साल पिछले ब्लॉकों में नौकरी के दायरे में फंसे जिले के ही सैकड़ों शिक्षक अपने ब्लॉक क्षेत्रों में पहुंचने के लिए तबादलों के शुरू होने का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन अभी तक कुछ भी तय नहीं है कि तबादले किस आधार पर और नई नीति का लाभ कितने शिक्षकों को मिल पाएगा।
बीएसए रमाकांत वर्मा का कहना है कि अभी तक तबादलों को लेकर कोई भी निर्देश नहीं मिले हैं। निर्देश मिलने के बाद ही कोई कार्रवाई होगी।
ग्रामीण क्षेत्र के स्कूलों का ब्यौरा तलब
तबादलों को लेकर विभाग में कोई सुगबुगाहट भले ही न हो, लेकिन शासन ने ग्रामीण क्षेत्र के स्कूलों में शिक्षक पदों का ब्यौरा और नियुक्ति की स्थिति को लेकर विभाग से रिपोर्ट जरूर मांगी है। जबकि अभी तक शहरी क्षेत्रों में खाली पड़े पदों को भरने के लिए पूर्व में लिए गए आवेदनों पर किसी भी तरह का विचार नहीं हुआ है।