मैनपुरी : विज्ञान के प्रयोग की किट में भी कर दिया ‘खेल’, उच्च प्राथमिक विद्यालयों में भेजी गईं थीं, किट के अधिकांश उपकरण खराब, कीमत में भी भारी गड़बड़ी
जागरण संवाददाता, मैनपुरी: उच्च प्राथमिक विद्यालयों के बच्चों को विज्ञान के प्रयोग सिखाने के लिए किट खरीदी गईं, लेकिन इन किट में भी खेल हो गया। किटों में अधिकांश उपकरण टूटे हैं, जो सही है वह काम नहीं कर रहे है। आठ हजार की किट की बाजार में आधी भी कीमत नहीं है।1जिले में संचालित 632 उच्च प्राथमिक विद्यालयों में शासन की ओर से विज्ञान किट उपलब्ध कराई गई थीं। इसके लिए विभाग की तरफ से प्रत्येक विद्यालय को आठ हजार रुपये दिए गए थे। इसके पीछे मंशा बच्चों को विज्ञान के प्रयोग की जानकारी देना था। इससे न केवल आगे की कक्षाओं में बच्चों को फायदा होता, बल्कि उनके बौद्धिक स्तर में भी सुधार होता। जो विज्ञान किट स्कूलों को मिली हैं, उनमें आधे से अधिक सामान टूटा है। बाकी का बचा आधा सामान भी कार्य नहीं कर रहा है। किटों में मुख्य रूप से सूक्ष्मदर्शी, धारा जनित्र के साथ ही कुछ परखनली व अन्य छोटे उपकरण हैं। जिनकी कुल कीमत बाजार में लगभग चार हजार रुपये है, लेकिन स्कूलों को इसके लिए आठ हजार रुपये चुकाने पड़े हैं।
खरीद से पहले हुआ था प्रेजेंटेशन: ऐसा नहीं है कि बगैर देखे ही इन विज्ञान किटों को किसी कंपनी से खरीद लिया गया हो। इसके लिए बाकायदा खरीद से पहले कंपनियों ने प्रधानाध्यापक, संकुल प्रभारी और खंड शिक्षा अधिकारियों के सामने प्रेजेंटेशन दिया था। नियमानुसार, अधिकारियों द्वारा उसी कंपनी का चयन किया जाना था, जिसका सामान बेहतर हो। सर्वसम्मति से कंपनी का चुनाव भी किया गया। इसके बाद भी किटों में लापरवाही के लिए आखिर कौन जिम्मेदार होगा, अब यह सवाल खड़ा हो गया है।