लखनऊ : बेसिक और माध्यमिक स्कूलों के शिक्षकों व शिक्षणोतर कर्मचारियों के सेवा संबंधी विवादों के निपटारे के लिए राज्य शैक्षिक अधिकरण पर बन सकती है बात
राज्य ब्यूरो, लखनऊ : बेसिक और माध्यमिक स्कूलों के शिक्षकों व शिक्षणोतर कर्मचारियों के सेवा संबंधी विवादों के निपटारे के लिए अखिलेश सरकार ने जिस राज्य शैक्षिक अधिकरण की परिकल्पना की थी, उसे योगी सरकार अमली जामा पहना सकती है। यह भी मुमकिन है कि नए निजाम में राज्य शैक्षिक अधिकरण के दायरे में उच्च शिक्षा से जुड़े शिक्षकों और शिक्षणोतर कर्मचारियों के सेवा संबंधी मामलो को भी शामिल कर लिया जाए। उप मुख्यमंत्री डॉ.दिनेश शर्मा की अध्यक्षता में सोमवार को होने वाली समीक्षा बैठक में राज्य शैक्षिक अधिकरण की गाड़ी को आगे बढ़ाने के बारे में सहमति बन सकती है। 1बेसिक और माध्यमिक शिक्षा विभाग हाई कोर्ट में लंबित बीस हजार से ज्यादा मुकदमों से जूझ रहे हैं। हाई कोर्ट में बढ़ते मुकदमों की संख्या से चिंतित अखिलेश सरकार ने ऐसे मामलों की सुनवाई के लिए राज्य शैक्षिक अधिकरण गठित करने का फैसला किया था। माध्यमिक शिक्षा विभाग ने उप्र राज्य शैक्षिक अधिकरण विधेयक का प्रारूप तैयार कर लिया था जिसे पिछले साल कैबिनेट से मंजूरी दिलाकर विधानमंडल के मानसून सत्र में पारित कराने का इरादा था। प्रस्तावित विधेयक में राज्य शैक्षिक अधिकरण के तहत प्रत्येक मंडल स्तर पर रिटायर्ड जिला जज की अध्यक्षता में क्षेत्रीय शैक्षिक अधिकरण गठित करने का प्रावधान था।1 क्षेत्रीय शैक्षिक अधिकरण के फैसले के खिलाफ हाई कोर्ट के सेवानिवृत्त जज की अध्यक्षता में गठित राज्य शैक्षिक अधिकरण में अपील करने का प्रावधान था। माना जा रहा था कि राज्य शैक्षिक अधिकरण के दो स्तरीय प्रदेशव्यापी ढांचे की वजह से मुकदमों का निपटारा तेजी से होगा।राज्य ब्यूरो, लखनऊ : बेसिक और माध्यमिक स्कूलों के शिक्षकों व शिक्षणोतर कर्मचारियों के सेवा संबंधी विवादों के निपटारे के लिए अखिलेश सरकार ने जिस राज्य शैक्षिक अधिकरण की परिकल्पना की थी, उसे योगी सरकार अमली जामा पहना सकती है। यह भी मुमकिन है कि नए निजाम में राज्य शैक्षिक अधिकरण के दायरे में उच्च शिक्षा से जुड़े शिक्षकों और शिक्षणोतर कर्मचारियों के सेवा संबंधी मामलो को भी शामिल कर लिया जाए। उप मुख्यमंत्री डॉ.दिनेश शर्मा की अध्यक्षता में सोमवार को होने वाली समीक्षा बैठक में राज्य शैक्षिक अधिकरण की गाड़ी को आगे बढ़ाने के बारे में सहमति बन सकती है। 1बेसिक और माध्यमिक शिक्षा विभाग हाई कोर्ट में लंबित बीस हजार से ज्यादा मुकदमों से जूझ रहे हैं। हाई कोर्ट में बढ़ते मुकदमों की संख्या से चिंतित अखिलेश सरकार ने ऐसे मामलों की सुनवाई के लिए राज्य शैक्षिक अधिकरण गठित करने का फैसला किया था। माध्यमिक शिक्षा विभाग ने उप्र राज्य शैक्षिक अधिकरण विधेयक का प्रारूप तैयार कर लिया था जिसे पिछले साल कैबिनेट से मंजूरी दिलाकर विधानमंडल के मानसून सत्र में पारित कराने का इरादा था। प्रस्तावित विधेयक में राज्य शैक्षिक अधिकरण के तहत प्रत्येक मंडल स्तर पर रिटायर्ड जिला जज की अध्यक्षता में क्षेत्रीय शैक्षिक अधिकरण गठित करने का प्रावधान था।1 क्षेत्रीय शैक्षिक अधिकरण के फैसले के खिलाफ हाई कोर्ट के सेवानिवृत्त जज की अध्यक्षता में गठित राज्य शैक्षिक अधिकरण में अपील करने का प्रावधान था। माना जा रहा था कि राज्य शैक्षिक अधिकरण के दो स्तरीय प्रदेशव्यापी ढांचे की वजह से मुकदमों का निपटारा तेजी से होगा।