बीएसए का तबादला होते ही दफ्तर में लगा ताला
बुलंदशहर: बेसिक शिक्षा अधिकारी धर्मेंद्र सक्सेना का तबादला होते ही बेसिक शिक्षा कार्यालय पर ताला लगवा दिया गया। सभी कर्मचारी कार्यालय से बाहर निकल गए। सभी फाइलों को कार्यालय में बंद करा दिया गया।
जिलाधिकारी डा. रोशन जैकब ने शासन को लिखा था कि बेसिक शिक्षा अधिकारी का कार्य अच्छा नहीं है। उनके रहते हुए बेसिक शिक्षा विभाग की छवि खराब हो रही है। जिलाधिकारी ने बीएसए को निलंबित करने के साथ स्थानांतरण करने की संस्तुति की थी। इसके साथ-साथ बीएसए पर स्थानांतरण और समायोजन में भारी घालमेल करने का आरोप भी था। डीएम की संस्तुति पर शासन ने बेसिक शिक्षा अधिकारी धर्मेन्द्र सक्सेना का तबादला कर दिया है। उन्हें शिक्षा निदेशक कार्यालय लखनऊ से संबद्ध कर दिया है। सोमवार शाम बीएसए का तबादला आदेश जारी होने के बाद बेसिक शिक्षा कार्यालय से कर्मचारियों को निकलवा दिया और दफ्तर का ताला लगवा दिया गया। इसका कारण किसी भी अधिकारी या कर्मचारी को समायोजन-स्थानांतरण सहित सभी फाइलों से दूर रखना है। सूत्रों ने बताया कि कुछ फाइलों को एक खंड शिक्षा अधिकारी से एक अधिकारी के कब्जे में लेने की भी चर्चा है। डाक रजिस्टर भी मंगवा लिया, जिससे पिछली तिथि में कोई पत्र जारी न किया जा सके। कर्मचारियों को भी हिदायत दे दी गई है कि कोई भी कर्मचारी फाइलों के साथ छेड़छाड़ नहीं करेगा।
-यह थे बीएसए पर आरोप
बेसिक शिक्षा अधिकारी धर्मेन्द्र सक्सेना पर समायोजन स्थानांतरण के अलावा टेंडर प्रक्रिया में भी गड़बड़ी करने का आरोप था। तत्कालीन जिलाधिकारी ने मुख्य विकास अधिकारी, एडीएम वित्त एवं राजस्व और मुख्य कोषाधिकारी को जांच सौंपी गई थी। जांच के बाद अधिकारियों ने रिपोर्ट जिलाधिकारी को सौंपी। वर्तमान जिलाधिकारी ने रिपोर्ट के आधार पर शासन को कार्रवाई के लिए लिखा।
-जागरण ने प्रमुखता से उठाया था मुद्दा
समायोजन स्थानांतरण और नियुक्ति प्रक्रिया में गड़बड़ी के मामलों को दैनिक जागरण ने लगातार प्रकाशित किया था। दैनिक जागरण की खबरों के बाद ही तत्कालीन जिलाधिकारी ने जांच बैठाई थी।
-अभद्र व्यवहार का था आरोप
बेसिक शिक्षा अधिकारी पर शिक्षकों के साथ अभद्र व्यवहार करने के भी आरोप लगते थे। शिक्षक नेताओं ने भी कई बार बीएसए की मनमानी के खिलाफ धरना प्रदर्शन किया था। इसके अलावा अन्य काफी आरोप थे।
-चर्चाओं में रहा बीएसए का तबादला
बीएसए का तबादला चर्चाओं में रहा। शिक्षक नेता स्थानांतरण की खबर सुनने के बाद बीएसए दफ्तर पहुंचते रहे, लेकिन वहां का ताला लगा देखकर वापस लौट गए। इसके अलावा शिक्षक बीएसए दफ्तर के बाहर चर्चाएं करते रहे।
-राजेश कुमार को बीएसए का चार्ज
बीएसए धर्मेन्द्र सक्सेना का स्थानांतरण होने के बाद डायट में वरिष्ठ प्रवक्ता के पद पर तैनात राजेश कुमार को बीएसए का चार्ज सौंपा गया है। डायट प्राचार्य आरएसके सुमन ने बताया कि अग्रिम आदेश तक राजेश कुमार के पास बीएसए का चार्ज रहेगा।
-जांच के लिए शिक्षा निदेशक ने दिया दस दिन का समय
बेसिक शिक्षा निदेशक ने बीएसए का तबादला करते हुए प्रशासनिक अधिकारियों को जांच करने के आदेश दिए है। जांच रिपेार्ट प्रस्तुत करने के लिए भी दस दिन का समय दिया है। साथ ही प्रशासन से जांच करने वाले अधिकारियों के नाम भी पूछे गए हैं।
-किसके आदेश पर लगा ताला ?
बीएसए दफ्तर पर ताला लगवाने के मुद्दे पर देर शाम तक किसी अधिकारी ने स्पष्ट जवाब नहीं दिया कि ताला किसके आदेश पर लगवाया गया ? समाचार लिखे जाने तक जिलाधिकारी डा. रोशन जैकब से भी फोन पर सम्पर्क नहीं हो सका था।
इन्होंने कहा....
हमने किसी भी दफ्तर का ताला नहीं लगवाया है। बीएसए के स्टेनों ने ताला लगाया होगा। स्थानांतरण की कार्रवाई जिलाधिकारी की संस्तुति पर शासन ने की है।
मुरारीलाल पीडी
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जब तक मैं बीएसए के पद पर तैनात रहा, अच्छा कार्य किया। एक भी समायोजन-स्थानांतरण बिना जिलाधिकारी के हस्ताक्षर के नहीं किया। प्रत्येक कार्य पर तत्कालीन जिलाधिकारी के हस्ताक्षर कराए गए। अच्छे कार्य के लिए तत्कालीन जिलाधिकारी ने प्रशस्ति पत्र भी दिया था। मेरे खिलाफ एक पक्षीय कार्रवाई हुई है। सही से जांच होने पर सच सामने आ जाएगा।
धर्मेन्द्र सक्सेना, तत्कालीन बीएसए