लखनऊ : सातवें वेतनमान में भी बरकरार रहेगा वेतन निर्धारण व प्रोन्नति का फार्मूला
राज्य मुख्यालय। विशेष संवाददाताप्रदेश सरकार ने सातवें वेतनमान व्यवस्था में वेतन निर्धारण के लिए अपने राज्य कर्मचारियों को पिछले वेतनमान में लागू विकल्प को बरकरार रखने का निर्णय लिया है। यह विकल्प नए वेतनमान के तहत भी लागू रहेंगे।राज्य कर्मचारियों की मांग को देखते हुए वित्त विभाग ने इस संबंध में बुधवार को आदेश जारी कर दिया है। इसके तहत किसी कर्मचारी को यह विकल्प उपलब्ध रहेगा कि वह पहले प्रोन्नति ले और उसके बाद वेतन वृद्धि ले या पहले वेतनवृद्धि की सुविधा ले बाद में प्रोन्नति। असल में कर्मचारी जिस विकल्प में सैलरी का अधिक लाभ होता है, वही विकल्प चुनते हैं। पुराने कर्मचारियों व अपेक्षाकृत नए कर्मचारियों को अमुमन अलग-अलग विकल्प चुना जाता है। चूंकि सातवें वेतनमान की सिफारिशें लागू हो चुकी हैं, पर पदोन्नति पर मूल नियम -22 बी के तहत वेतन तय करने के लिए तारीख का विकल्प संबंधी आदेश जारी नहीं हुआ था। इस दुविधा को खत्म करने के लिए वित्त विभाग के सचिव अजय अग्रवाल ने यह आदेश जारी किया। इसमें कहा गया नियुक्ति, प्रोन्नति या एसीपी दिए जाने की तारीख के अनुरूप संशोधित वेतन संरचना में वेतनवृद्धि की दो तारीखें तय की गईं हैं। ऐसे कर्मचारी जिन्हें दो जनवरी और एक जुलाई के बीच नियुक्ति या प्रोन्नति या एसीपी मिला है, उनको अगली वेतन वृद्धि एक जनवरी को दी जाएगी और इसके बाद से यह वेतन वृद्धि एक साल के बाद वार्षिक आधार पर देय होगी। ऐसे कर्मचारी जिन्हें दो जुलाई और एक जनवरी के बीच नियुक्ति, प्रोन्नति या एसीपी लाभ मिलता है, तो अगली वेतन वृद्धि एक जुलाई को दी जाएगी। और इसके बाद से यह वेतन वृद्धि एक साल के बाद वार्षिक आधार पर देय होगी।