इलाहाबाद : अब विद्यालयों से ऑनलाइन लिए जाएंगे अधिचायन
इलाहाबाद। माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड शिक्षकों की नियुक्ति के संबंध में जिलों से अधियाचन आने के बाद से नियुक्ति की प्रक्रिया पूरी होने तक लगने वाले तरह-तरह के आरोपों से बचने और पारदर्शिता के लिए बड़ा कदम उठाने जा रहा है। इसके लिए चयन बोर्ड ने सॉफ्टवेयर तैयार किया है, जिसमें विद्यालयों से शिक्षकों की रिक्तियों का अधियाचन ऑनलाइन आएगा। नए सॉफ्टवेयर का फतेहपुर में ट्रायल भी होने जा रहा है। इसमें विद्यालय प्रबंधन किसी तरह की मनमानी नहीं कर सकेंगे। इसके अलावा पारदर्शिता के लिए कई अन्य बदलाव भी किए गए हैं।
अभी तक विभिन्न जिलों के विद्यालय में शिक्षकों की भर्ती के लिए चयन बोर्ड को अधियाचन हार्ड कॉपी में भेजे जाते हैं। विद्यालय प्रबंधन इसमें बड़ा खेल करते हैं। उदाहरण के लिए किसी विद्यालय में शिक्षकों के पांच पद रिक्त हैं तो चयन बोर्ड को तीन का ही अधियाचन भेजा जाता है। शेष दो पदों पर मैनेजमेंट और जिला विद्यालय निरीक्षक (डीआईओएस) की मिलीभगत से शिक्षकों की भर्ती कर ली जाती थी। या फिर आरक्षित कोटे का पद है लेकिन उसे दर्शाया नहीं जाता। इस घालमेल को खत्म करने के लिए चयन बोर्ड ने साफ्टवेयर तैयार किया है। बृहस्पतिवार को इसका फतेहपुर में ट्रायल भी होने जा रहा है।
चयन बोर्ड सचिव डॉ रूबी सिंह के मुताबिक विद्यालयों में आने वाले अधियाचन में दिक्कतों के कारण सॉफ्टवेयर तैयार करने का निर्णय लिया गया, क्योंकि कुछ विद्यालय अधियाचन नहीं भेजते या फिर भेजते भी हैं तो उसमें आरक्षित वर्ग की रिक्तियां होने पर विद्यालय मैनेजमेंट कहता है कि आरक्षित वर्ग की नहीं भेजा था, किसी ने परिवर्तन कर दिया। ऐसे में शिक्षक को ज्वाइंट नहीं कराएंगे, या पदोन्नति का पद है इसलिए ज्वाइंट नहीं कराएंगे। सॉफ्टवेयर के जरिए अधियाचन ऑनलाइन मंगाए जाएंगे। इससे विद्यालयों की मनमानी रुकेगी। इससे यह पता चलेगा कि विद्यालय ने अधिचायन में पहले क्या भेजा था, बदलाव किया तो क्या किया। वर्तमान में कितने पद रिक्त हैं, पदोन्नति और सीधी भर्ती के कितने पद बन रहे हैं और कितने रिक्त हैं। सॉफ्वेयर के जरिए विद्यालय पूरा ब्योरा डीआईओएस को भेजेंगे। चयन बोर्ड भी कंप्यूटर पर यह देख सकेगा कि विद्यालयों ने अधियाचन में किया भेजा है। कंप्यूटराइज्ड व्यवस्था होने से विषय, स्कूल और जिलेवार भी सूचना एक साथ देखी जा सकेगी। बाद में उसे पब्लिक डोमेन पर भी डाला जाएगा, ताकि शिक्षक भी देख सकें और किसी तरह की आपत्ति करना चाहते तो कर सकें।