परिषदीय स्कूलों में मानीटर चयन कर एवं उसके सहयोग द्वारा शिक्षण व्यवस्था बेहतर करनी की होगी कोशिश
गोंडा: बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में गुरुकुल की तर्ज पर पढ़ाई होगी। शिक्षक के साथ ही छात्र भी शिक्षण कार्य करेंगे। अध्यापक छात्रों के साथ आपसी तालमेल बनाकर कार्य करेंगे। शिक्षा सत्र 2017-18 में इसे लागू करने के लिए परिषद को प्रस्ताव भेजा जा चुका है। अब नवागत बीएसए संतोष कुमार देव पांडेय ने इसे लागू करने की कार्रवाई शुरू कर दी है। जुलाई से इसे लागू किया जाएगा।
शासन के तमाम निर्देश व अफसरों के प्रयासों के बाद भी परिषदीय स्कूलों में छात्र संख्या बढ़ा लिया जाता है लेकिन शैक्षिक स्थिति में सुधार नहीं होता है। इसके चलते अभिभावक निजी स्कूलों की तरफ जा रहे हैं। आलम यह है कि प्रतिवर्ष 28 से 30 हजार छात्र घट जाते हैं। परिषदीय स्कूलों से हो रहे विस्थापन को रोकने के लिए नई व्यवस्था बनाई जा रही है। इसमें क्लास मॉनीटर का चयन होगा। वह बच्चों के साथ घुल मिलकर पढ़ेगा। शिक्षक के न रहने की दशा में वह साथियों को संभालेगा। उन्हें शिक्षण कार्य के लिए प्रेरित करेगा। शिक्षक भी स्कूल में छात्रों की सहमति के आधार पर कार्य करेंगे। उनके बीच में बैठेंगे। शैक्षिक उन्नयन के लिए छात्रों की मदद ली जाएगी। छात्रों को सक्रिय भागीदारी अदा करने के लिए प्रेरित किया जाएगा। जिससे माहौल अच्छा हो। जरूरत पड़ने पर ब्लॉक सह समन्वयक भी स्कूल में जाकर सहयोग करेंगे। खंड शिक्षा अधिकारियों को इसकी मॉनीट¨रग करने की जिम्मेदारी दी गई है। पहल को अमली जामा पहनाने वाले शिक्षकों को सम्मानित किया जाएगा। प्रदेश स्तर पर आयोजित होने वाले सम्मान समारोह के लिए उसका नाम बढ़ाया जाएगा।
- शिक्षक को बच्चों के साथ मां जैसा व्यवहार करना चाहिए, ताकि बच्चे उनकी भावनाओं को समझ सकें। बच्चों के साथ भावनात्मक तौर पर जुड़कर ही बेहतर शैक्षिक माहौल बनाया जा सकता है। इसके लिए छात्रों को सक्रिय करके उनकी जिम्मेदारी तय करने का निर्देश दिया गया है।
-संतोष कुमार देव पांडेय, बेसिक शिक्षा अधिकारी गोंडा