एक छत के नीचे 'प्राइमरी का मास्टर' से जुड़ी शिक्षा विभाग
की समस्त सूचनाएं एक साथ

"BSN" प्राइमरी का मास्टर । Primary Ka Master. Blogger द्वारा संचालित.

जनपदवार खबरें पढ़ें

जनपदवार खबरें महराजगंज लखनऊ इलाहाबाद प्रयागराज गोरखपुर उत्तर प्रदेश फतेहपुर सिद्धार्थनगर गोण्डा बदायूं कुशीनगर सीतापुर बलरामपुर संतकबीरनगर देवरिया बस्ती रायबरेली बाराबंकी फर्रुखाबाद वाराणसी हरदोई उन्नाव सुल्तानपुर पीलीभीत अमेठी अम्बेडकरनगर सोनभद्र बलिया हाथरस सहारनपुर बहराइच श्रावस्ती मुरादाबाद कानपुर अमरोहा जौनपुर लखीमपुर खीरी मथुरा फिरोजाबाद रामपुर गाजीपुर बिजनौर बागपत शाहजहांपुर बांदा प्रतापगढ़ मिर्जापुर जालौन चित्रकूट कासगंज ललितपुर मुजफ्फरनगर अयोध्या चंदौली गाजियाबाद हमीरपुर महोबा झांसी अलीगढ़ गौतमबुद्धनगर संभल हापुड़ पडरौना देवीपाटन फरीदाबाद बुलंदशहर

Search Your City

देहरादून : प्राथमिक विद्यालय को गोद लिया, नि:शुल्क संवार रहे बच्चों का भविष्य

0 comments

प्राथमिक विद्यालय को गोद लिया, नि:शुल्क संवार रहे बच्चों का भविष्य

देहरादून (अंकित सैनी)। इस भागादौड़ी की जिंदगी में नौकरीपेशा लोगों के पास दूसरों के लिए वक्त नहीं है। लेकिन, कुछ लोग ऐसे भी हैं, जो अपनी व्यस्तताओं में से समाज के लिए वक्त निकालना अपनी जिम्मेदारी समझते
हैं। ऐसी ही एक शख्सियत हैं सर्वे ऑफ इंडिया में ड्राफ्ट्समैन पद पर कार्यरत इंदिरा कॉलोनी निवासी स्वामी एसचंद्रा। वह ड्यूटी के दौरान भोजनावकाश में आराम फरमाने के बजाय इंदिरा कॉलोनी स्थित राजकीय प्राथमिक विद्यालय पहुंचकर गरीब परिवारों के बच्चों को सामान्य ज्ञान व हिंदी पढ़ाने में वक्त का उपयोग करते हैं। छुट्टी के दिन बच्चों को पिकनिक पर ले जाना, प्रतियोगिताएं आयोजित कराना जैसी गतिविधियां भी उनके जीवन का अभिन्न हिस्सा हैं।

स्वामी एस चंद्रा ने वर्ष 2007 में इंदिरा कॉलोनी स्थित इस प्राथमिक विद्यालय को गोद लिया था। भोजनावकाश में वह एक घंटा और शनिवार को पूरे दिन बच्चों को पढ़ाते हैं। साथ ही सप्ताह में एक अनिवार्य रूप से बच्चों को पिकनिक पर ले जाते हैं। इसके अलावा समय-समय पर विद्यालय में पार्टी भी आयोजित होती है, जिसमें बच्चों को उनके मनपसंद व्यंजन खाने को मिलते हैं। यही वजह है कि आज जहां सरकारी विद्यालयों में दस बच्चे भी नहीं मिलते, वहीं इस विद्यालय 68 बच्चे अध्ययनरत हैं। ये सभी बच्चे ऐसे तंगहाल परिवारों से हैं, जहां कई अभिभावकों को उनकी जन्मतिथि तक मालूम नहीं। लेकिन, विद्यालय में हर बच्चे के जन्मदिन की तारीख तय है और उसी दिन उसका जन्मदिन केक काटकर मनाया जाता है। बच्चों में आत्मविश्वास बढ़ाने के लिए समय-समय पर खेलकूद, ड्राइंग-पेटिंग व अन्य प्रतियोगिताएं भी आयोजित की जाती हैं। स्वयंसेवी संस्थाओं की मदद से चंद्रा बच्चों की ड्रेस, पाठ्य सामग्री व अन्य जरूरतों को पूरा करते हैं।

ऐसे लेकर आते हैं स्कूल: चंद्रा बताते हैं कि बिंदाल व इंदिरा कॉलोनी में रहने वाले अति गरीब परिवारों के ये बच्चे
विद्यालय नहीं आते। ऐसे में खाने-पीने की चीजों का लोभ देकर उन्हें विद्यालय लाया जाता है और फिर उन्हें विद्यालय में एक बेहतर माहौल दिया जाता है। इसके बाद वह खुद स्कूल आने लगते हैं।

वामी बच्चों के लिए अच्छा कार्य कर रहे हैं। उनका योगदान आज बच्चों के चरित्र में साफ नजर आ रहा है। स्वामी विद्यालय से पास होने वाले बच्चों को आगे पढ़ने में भी मदद करते हैं।- ललिता नौड़ियाल, शिक्षक

नौकरी से समय निकालकर बच्चों को पढ़ाने के लिए आना और समय- समय पर उनकी जरूरतों को पूरा कर स्वामी अनुकरणीय कार्य कर रहे हैं। इसी तरह हमें भी समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी समझनी चाहिए।- अनिता देवरानी, शिक्षक

पछले कई वर्षों से विद्यालय में सृजनात्मक रूप से कार्य कर रहे स्वामी एस चंद्रा ने बच्चों के प्रति अहम भूमिका निभाई है। यदि अन्य लोग भी इसी तरह आगे आएं तो समाज की तस्वीर ही बदल जाएगी।- अनुराधा सुंद्रियाल, प्रधानाचार्य


कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

महत्वपूर्ण सूचना...


बेसिक शिक्षा परिषद के शासनादेश, सूचनाएँ, आदेश निर्देश तथा सभी समाचार एक साथ एक जगह...
सादर नमस्कार साथियों, सभी पाठकगण ध्यान दें इस ब्लॉग साईट पर मौजूद समस्त सामग्री Google Search, सोशल नेटवर्किंग साइट्स (व्हा्ट्सऐप, टेलीग्राम एवं फेसबुक) से भी लिया गया है। किसी भी खबर की पुष्टि के लिए आप स्वयं अपने मत का उपयोग करते हुए खबर की पुष्टि करें, उसकी पुरी जिम्मेदारी आपकी होगी। इस ब्लाग पर सम्बन्धित सामग्री की किसी भी ख़बर एवं जानकारी के तथ्य में किसी भी तरह की गड़बड़ी एवं समस्या पाए जाने पर ब्लाग एडमिन /लेखक कहीं से भी दोषी अथवा जिम्मेदार नहीं होंगे, सादर धन्यवाद।