ITR फाइलिंग करना है बेहद आसान, जानिए क्या है स्टेप बाई स्टेप तरीका
नई दिल्ली (जेएनएन)। आकलन वर्ष 2017-18 के लिए आईटीआर फाइलिंग की आखिरी तारीख 31 जुलाई 2017 है। हालांकि अगर आप 31 जुलाई तक आईटीआर दाखिल नहीं कर पाते हैं तो आपको दिसंबर में एक और मौका दिया जाएगा। मगर इसके लिए 5,000 रुपए का जुर्माना देना होगा। वहीं अगर किसी सूरत में आप इस बार भी आईटीआर दाखिल करना भूल जाते हैं तो आपको मार्च में एक और मौका दिया जाएगा, लेकिन आपको इस बार 10,000 रुपए का जुर्माना देना होगा।
आयकर विभाग ने आकलन वर्ष 2017-18 के लिए आयकर रिटर्न फॉर्म को पहले ही नोटिफाई कर दिया है। हालांकि आयकर विभाग की ओर से जारी किए गए फॉर्म कुछ बदलावों के साथ पेश किए गए हैं। इसलिए करदाताओं को इन्हें बड़े ध्यान से भरना होगा। हम अपनी खबर के माध्यम से आपको ऑनलाइन आईटीआर फाइलिंग का स्टेप बाई-स्टेप तरीका बताएंगे।
जानिए क्या है आईटीआर फाइलिंग का स्टेप बाई स्टेप तरीका..
पहला स्टेप: आपको इनकम टैक्स की ई-फाइलिंग वेबसाइट पर लॉग-इन करना होगा। इसके लिए आप नीचे दिए गए यूआरएल पर क्लिक कर सकते हैं।
www.incometaxindiaefiling.gov.in
इस लिंक पर क्लिक करते ही एक पेज ओपन होगा।
दूसरा स्टेप: साइट के दाईं ओर आपको डाउनलोड के ठीक नीचे एक ऑप्शन दिखाई देगा आईटीआर फॉर्म डाउनलोड। इस पर क्लिक करें तो एक नया पेज ओपन होगा।
तीसरा स्टेप: इसके बाद आपको आईटीआर फॉर्म डाउनलोड करना होगा। आपको वही फॉर्म डाउनलोड करना होगा जिसके लिए आप एप्लीकेबल हैं। जानिए यह कैसे जान सकते हैं.....
जानिए आपके लिए कौन सा फॉर्म भरना है जरूरी:
ITR1 (सहज): अगर किसी इंडिविजुअल को सैलरी, पेंशन, प्रॉपर्टी के किराए या ब्याज से आमदनी होती है तो यह फॉर्म भरें। कोई भी व्यक्ति जिसे बिना बिक्री के कर मुक्त आय (कृषि के अलावा 5 हजार से ऊपर की आय) हो रही है, तो वो आईटीआर-1 फॉर्म भर सकता है। यह सिर्फ पचास लाख तक की आमदनी पर ही भरा जा सकता है।
ITR2: ऐसे इंडिविजुअल और HUF जिन्हें सैलरी, पेंशन, एक से ज्यादा प्रॉपर्टी से किराए, कैपिटल गेन, अन्य स्रोत से आय में लॉटरी और रेसिंग से भी आमदनी होती है। उनके लिए यह फॉर्म भरना जरूरी होता है।
ITR3: फर्म के ऐसे साझेदार जिन्हें ब्याज, सैलरी, बोनस से आमदनी, कैपिटल गेन, एक से ज्यादा प्रॉपर्टी से किराए इनकम होती है उनके लिए यह फॉर्म भरना जरूरी होता है।
ITR4: जिन लोगों को बिजनस, प्रोफेशन (डॉक्टर, वकील आदि) के जरिए आमदनी हो रही हो, उनके लिए यह फॉर्म होता है। यह उनके लिए है जिनकों अपने खाते चार्टेड अकाउंटेंट से ऑडिट कराने होते हैं।
ITR4s(सुगम): बिजनेस में जिनका टर्नओवर 2 करोड़ से कम हो, बिजनेस प्रिजम्प्टिव टैक्सेशन रुल (Business presumptives taxation rules) के दायरे में जो भी आता हो उसके लिए यह फॉर्म होता है। यह छूट 44 AD के तहत मिलती है।
ITR5: यह फॉर्म सिर्फ पार्टनरशिप फर्म या फिर ट्रस्ट या सोसाइटी के लिए होता है।
चौथा स्टेप: फॉर्म डाउनलोड करने के बाद। आपको इसे ऑफलाइन माध्यम से भरना होगा। फिर एक एक्सएमएल फाइल (XML) फाइल जनरेट करनी होगी और फिर इसे अपने डेस्कटॉप पर सेव करना होगा।
पांचवां स्टेप: अगर आप रजिस्टर्ड यूजर हैं तो आपको अपने यूजर आईडी और पासवर्ड के इस्तेमाल से पोर्टल पर लॉग इन करना होगा। अगर आप इस पर रजिस्टर्ड नहीं है तो आपको इस पर अकाउंट बनाना होगा।
लॉग-इन करने के बाद आपके सामने एक पेज ओपन होगा, जो कुछ ऐसा दिखेगा...
छठा स्टेप: इसके बाद इस इनकम टैक्स की वेबसाइट के ई-फाइलिंग विकल्प पर जाएं। जो कि वेबसाइट के फ्रंट पेज पर दिख जाता है। इसके बाद अपना टैक्स रिटर्न अपलोड कर दें।