लखनऊ : नौनिहालों का भविष्य टाटपट्टी पर, पहली जुलाई से नया सत्र शुरू होगा
पुलक त्रिपाठी, लखनऊ : पहली जुलाई से नया सत्र शुरू होगा। कई नौनिहाल पहली बार स्कूल आएंगे। उनमें स्कूल जाने का उत्साह भी होगा। मगर हर बार की तरह कई स्कूलों में इस बार भी उन्हें बैठने के लिए फर्नीचर नहीं, टाट-पट्टी मिलेंगी। नई किताबों का वितरण न होने की वजह से उन्हें पुरानी किताबों से पढ़ना होगा। यह हम नहीं कह रहे बल्कि विभागीय आंकड़े ही इसकी गवाही दे रहे हैं। करीब 50 हजार से अधिक बेसिक स्कूलों के बच्चे टाट पर बैठने का मजबूर हैं।
सीतापुर से सीख लेने की जरूरत : आंकड़ों के मुताबिक, सीतापुर इकलौता जनपद है जहां सभी बेसिक स्कूलों में बच्चों को बैठने के लिए फर्नीचर उपलब्ध है। अन्य जिलों को सीतापुर से सीख लेने की जरूरत है।
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पुलक त्रिपाठी, लखनऊ । पहली जुलाई से नया सत्र शुरू होगा। कई नौनिहाल पहली बार स्कूल आएंगे। उनमें स्कूल जाने का उत्साह भी होगा। मगर हर बार की तरह कई स्कूलों में इस बार भी उन्हें बैठने के लिए फर्नीचर नहीं, टाट-पट्टी मिलेंगी। नई किताबों का वितरण न होने की वजह से उन्हें पुरानी किताबों से पढ़ना होगा। यह हम नहीं कह रहे बल्कि विभागीय आंकड़े ही इसकी गवाही दे रहे हैं। करीब 50 हजार से अधिक बेसिक स्कूलों के बच्चे टाट पर बैठने का मजबूर हैं।
सीतापुर से सीख लेने की जरूरत : आंकड़ों के मुताबिक, सीतापुर इकलौता जनपद है जहां सभी बेसिक स्कूलों में बच्चों को बैठने के लिए फर्नीचर उपलब्ध है। अन्य जिलों को सीतापुर से सीख लेने की जरूरत है।
जिला कुल स्कूल फर्नीचर नदारद
अंबेडकरनगर 1353 6311अमेठी 1333 7381बहराइच 2470 20521बलरामपुर 1574 6101बाराबंकी 2170 11101फैजाबाद 1528 9811गोंडा 2234 15211हरदोई 2832 15031लखनऊ 1361 143इस पर अभी तक कोई एक्शन प्लान तैयार नहीं किया गया है। यह बात सच है कि स्कूलों में बेसिक स्कूलों में संसाधनों की काफी कमी है।
-सर्वेद्र विक्रम बहादुर सिंह, निदेशक, बेसिक शिक्षा