रायबरेली : गुरुजी ने नहीं बांटे फल, जिला 13वें पायदान पर
जागरण संवाददाता, रायबरेली : बच्चों को अच्छी शिक्षा के साथ ही एमडीएम में ताजे फल की व्यवस्था कराने के मंसूबे में जिम्मेदार ही बाधक बने हुए हैं। हालत यह है कि करीब 25 फीसद विद्यालयों में इस बार फल का वितरण ही नहीं हो सका है। इसके चलते रायबरेली फल वितरण में लापरवाही के शीर्ष-15 जिलों में शामिल हो गया। मामले में विभागीय अधिकारियों से जवाब मांगा गया है।
जिले में 2700 परिषदीय विद्यालय में करीब सवा दो लाख छात्र-छात्रएं पंजीकृत हैं। शासन की ओर से विद्यालयों में बच्चों को मध्यान्ह अवकाश के दौरान एमडीएम दिलाया जाता है। इसी क्रम में प्रत्येक सोमवार को फल वितरण करना होता है। इसके लिए प्रति छात्र चार रुपये मिलते हैं। इसकी जिम्मेदारी प्रधानाध्यापक की होती है।
इसकी अलग-अलग समय पर रिपोर्ट भी ली जाती है। हाल ही में मध्यान्ह भोजन प्राधिकरण की ओर से जारी की गई सूची में दैनिक अनुश्रवण प्रणाली (आईवीआरएस) पर आधारित सूचना के अनुसार बजट उपलब्ध होने के बाद भी फल वितरण में लापरवाही बरती गई। इस सूची में रायबरेली 13वें स्थान पर है।
लखनऊ सबसे ऊपर
जारी की गई सूची में सबसे ऊपर लखनऊ हैं, जहां पर 874 विद्यालयों में फल वितरण नहीं दर्शाया गया है। इसके बाद सीतापुर, बाराबंकी, गोरखपुर, मऊ, जौनपुर, गाजियाबाद, देवरिया, अंबेडकरनगर, चंदौली, गाजीपुर, वाराणसी के बाद रायबरेली का नंबर आता है। साथ ही इस संबंध में अधिकारियों से जवाब भी मांगा गया है। इससे आनन-फानन में वितरण की सूची एकत्र कराई जा रही है।
जागरण संवाददाता, रायबरेली : बच्चों को अच्छी शिक्षा के साथ ही एमडीएम में ताजे फल की व्यवस्था कराने के मंसूबे में जिम्मेदार ही बाधक बने हुए हैं। हालत यह है कि करीब 25 फीसद विद्यालयों में इस बार फल का वितरण ही नहीं हो सका है। इसके चलते रायबरेली फल वितरण में लापरवाही के शीर्ष-15 जिलों में शामिल हो गया। मामले में विभागीय अधिकारियों से जवाब मांगा गया है।
जिले में 2700 परिषदीय विद्यालय में करीब सवा दो लाख छात्र-छात्रएं पंजीकृत हैं। शासन की ओर से विद्यालयों में बच्चों को मध्यान्ह अवकाश के दौरान एमडीएम दिलाया जाता है। इसी क्रम में प्रत्येक सोमवार को फल वितरण करना होता है। इसके लिए प्रति छात्र चार रुपये मिलते हैं। इसकी जिम्मेदारी प्रधानाध्यापक की होती है।
इसकी अलग-अलग समय पर रिपोर्ट भी ली जाती है। हाल ही में मध्यान्ह भोजन प्राधिकरण की ओर से जारी की गई सूची में दैनिक अनुश्रवण प्रणाली (आईवीआरएस) पर आधारित सूचना के अनुसार बजट उपलब्ध होने के बाद भी फल वितरण में लापरवाही बरती गई। इस सूची में रायबरेली 13वें स्थान पर है।
लखनऊ सबसे ऊपर1जारी की गई सूची में सबसे ऊपर लखनऊ हैं, जहां पर 874 विद्यालयों में फल वितरण नहीं दर्शाया गया है। इसके बाद सीतापुर, बाराबंकी, गोरखपुर, मऊ, जौनपुर, गाजियाबाद, देवरिया, अंबेडकरनगर, चंदौली, गाजीपुर, वाराणसी के बाद रायबरेली का नंबर आता है। साथ ही इस संबंध में अधिकारियों से जवाब भी मांगा गया है। इससे आनन-फानन में वितरण की सूची एकत्र कराई जा रही है।1लापरवाही में लखनऊ सबसे आगे, बहराइच चौदहवें स्थान पर, अफसरों से मांगा गया जवाब-नए सत्र संचालन के बाद से जिम्मेदार शिक्षकों कराई जगहंसाई, नौनिहालों को नहीं मिला रहा ।
फ्रूटफल वितरित न होने वाले जिले व विद्यालयों की संख्या
लखनऊ 8741सीतापुर 7701बाराबंकी 6891गोरखपुर 5531मऊ 4851जौनपुर 4441गाजियाबाद 4321देवरिया 4191अंबेडकरनगर 3731चंदौली 3641गाजीपुर 3541वाराणसी 3291रायबरेली 2971बहराइच 290 कुशीनगर 262 1जिले के सभी विद्यालयों में फल का वितरण किया जा रहा है। समय से सूचना नहीं देने के कारण ऐसा हुआ है। सभी विद्यालयों से सूचना एकत्र कराई जा रही है। यदि कहीं पर लापरवाही मिलती है, तो उच्चाधिकारियों को कार्रवाई के लिए पत्र लिखा जाएगा।
- विनय तिवारी, डीसी एमडीएम