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पीलीभीत : उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद के संचालित परिषदीय स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को शत-प्रतिशत ड्रेस नहीं मिल पा रही, ड्रेस वितरण में कपड़ा बना बाधक

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पीलीभीत : उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद के संचालित परिषदीय स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को शत-प्रतिशत ड्रेस नहीं मिल पा रही, ड्रेस वितरण में कपड़ा बना बाधक

जासं, पीलीभीत : उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद के संचालित परिषदीय स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को शत-प्रतिशत ड्रेस नहीं मिल पा रही है। ड्रेस वितरण में कपड़ा न मिलना बताया जा रहा है। बाजार से ड्रेस का कपड़ा गायब हो गया है। ऐसे में परिषदीय स्कूलों के हेडमास्टरों के सामने विकट समस्या पैदा हो गई।

राज्य सरकार ने परिषदीय स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों की ड्रेस का रंग बदल दिया था। ड्रेस का रंग मांटेसरी स्कूल की ड्रेस के मुताबिक रखा गया। प्रशासनिक अधिकारी और जन प्रतिनिधियों के हाथों ड्रेस का वितरण कराया जा रहा है। प्रत्येक स्कूल के कुछ बच्चों को ही ड्रेस मिल पा रही है। स्कूलों में पंजीकृत सभी बच्चों को मुफ्त ड्रेस का लाभ नहीं मिल पा रहा है। बाजार में ड्रेस का कपड़ा ही नहीं है। इस वजह से बच्चों की ड्रेस तैयार नहीं हो पा रही है। इस दिशा में विभागीय अफसर प्रयास कर रहे हैं। जनपद के 185000 बच्चों को ड्रेस का लाभ दिया जाना है। बीएसए डॉ.इंद्रजीत प्रजापति का कहना है कि प्रत्येक स्कूल में गुणवत्तापरक बच्चों को ड्रेस दी जाएगी। किसी भी दशा में नमूना से इतर कपड़ा पाया जाता है, तो उस हेडमास्टर के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

कपड़े की गुणवत्ता सही नहीं

अब तक परिषदीय स्कूलों में बच्चों को दो सेट ड्रेस वितरित की गई। उन ड्रेसों की गुणवत्ता सही नहीं है। शर्ट अथवा कुर्ता का कपड़ा बिल्कुल हल्का है, जो कुछ धुलाई के बाद बेकार जाएगा। कपड़े में टेरीकॉट का प्रतिशत अधिक है। इस वजह से बच्चों की शर्ट सिकुड़ने लगी है। इस दिशा में बेसिक शिक्षा विभाग को जांच करनी चाहिए।

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