अब नंगे पैर स्कूल नहीं जाएंगे नौनिहाल
जागरण संवाददाता, आजमगढ़ : शिक्षा के स्तर को बढ़ाने व अधिक से अधिक बच्चों को शिक्षा ग्रहण करने के उद्देश्य से बजट में प्रदेश सरकार परिषदीय विद्यालयों के छात्रों पर पूरी तरह मेहरबानी दिखाई है। अब तक सिर्फ नीतियां बन रही थी लेकिन इस बार वह फाइलों से धरातल पर उतर आई है। इसके लिए सरकार ने पर्याप्त धन की व्यवस्था की है। खास बात यह है कि नए शैक्षिक सत्र में बच्चों को पुराने की जगह नया गणवेश और बैग भी मिलने की संभावना है। सिर्फ बैग के लिए ही 100 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है। यही नहीं बचे अब नंगे पैर विद्यालय पढ़ने नहीं जाएंगे। उनके पैर में कांटा नहीं चुभेगा। उन्हें सरकार जूता और मोजा भी मुहैया कराएगी। इसके लिए 300 करोड़ रुपये का बजट प्रस्तावित हुआ है।
अब तक ठंड के दिनों में बच्चे ठिठुरते हुए पढ़ने जाते थे लेकिन अब उन्हें ठंड नहीं लगेगी। वह भी स्वेटर पहन कर पढ़ने जाएंगे। इन सबके अलावा कक्षा आठ तक के छात्रों को निशुल्क किताबें भी मिलेंगी जिसका वितरण अन्य जनपदों में शुरु हो चुका है। कुल मिलाकर अब बेसिक शिक्षा परिषद से संचालित प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों के बच्चे भी कांवेंट की तरह दिखेंगे और पढ़ेंगे। बोंगरिया प्रतिनिधि के अनुसार सरकार के इस बजट में परिषदीय विद्यालयों को भी कांवेंट के समकक्ष खड़ा कर दिया है। शिक्षक, छात्र और अभिभावकों के सपनों को पंख लग गए हैं। उनका कहना है कि या कल्पना जैसे लग रहा है। जहां शैक्षिक सत्र बीत जाने के बाद भी किताबे नहीं मिलती थी, आज सरकार ने बच्चों को स्वेटर तक देने की घोषणा कर दी है। इससे जनपद के अभिभावकों में शिक्षा की तरफ एक नई सोच दिख रही है।
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ठंड के दिनों में बेटी स्कूल जाने से कतराती थी। वह हमेशा नया स्वेटर की मांग करती है। सरकार बच्चों को स्वेटर भी दे रही है, यह सुनकर ही अच्छा लग रहा है। अब जाड़े के दिनों में भी वह रोजाना पढ़ने जाएगी।
-सुनीता देवी : अभिभावक