सीतापुर : दाखिला हुआ, अब पढ़ सकेगा शैलेंद्र, आखिरकार हुआ दिव्यांग का दाखिला, अफसरों के निर्देश पर हुआ नामांकन, बीईओ ने नहीं दिया स्पष्टीकरण
संवादसूत्र, सीतापुर : महदेई का लाडला दिव्यांग (दृष्टिहीन) बेटा शिक्षित होकर अशिक्षा के कलंक को धो सकेगा। बीएसए के आदेश पर उसके पुत्र शैलेंद्र को आखिरकार उच्च प्राथमिक विद्यालय इस्लामनगर में दाखिला मिल गया। हालांकि प्रधानाचार्य व तत्कालीन बीईओ मिश्रिख ने दिव्यांग शैलेंद्र का दाखिला लेने से इंकार कैसे किया था इसका स्पष्टीकरण अभी तक विभाग को नहीं मिला है। स्पष्टीकरण न मिलने की दशा में दोनों के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई की जा सकती है। 1मिश्रिख ब्लॉक के ग्रामसभा इस्लामनगर के मढ़िया निवासी राममनोहर के दिव्यांग बेटे शैलेंद्र ने प्राथमिक विद्यालय से कक्षा पांच पास किया था। कक्षा छह में नामांकन कराने के लिए राममनोहर की पत्नी महदेई बेटे को लेकर उच्च प्राथमिक विद्यालय इस्लामनगर में दाखिला कराने के लिए गई थीं। प्रधानाचार्य पुजारी सिंह यादव ने दिव्यांग (दृष्टिहीन) बच्चे को देखकर नामांकन करने से साफ इंकार कर दिया था। मजबूर मां ने बीईओ मिश्रिख पन्ना लाल गुप्ता से दाखिले के लिए गुहार लगाई थी। 1बीईओ ने ब्रेल (दृष्टिहीन बच्चों के लिए विशेष पुस्तकें) न होने का हवाला देकर दाखिला करने से इंकार कर दिया। बेटे को तालीम दिलाने के लिए महदेई ने 14 जुलाई को जिलाधिकारी को प्रार्थना पत्र देकर दाखिले के लिए गुहार लगाई। डीएम डॉ. सारिका मोहन ने बीएसए को इस मामले में कार्रवाई कर रिपोर्ट देने के निर्देश दिए हैं। 1बीएसए पन्ना राम ने प्रधानाध्यापक को दिव्यांग बच्चे के तत्काल दाखिले के निर्देश देते हुए बीईओ मिश्रिख व प्रधानाध्यापक से तीन दिन में स्पष्टीकरण मांगा है। इस बाबत ‘दैनिक जागरण’ ने 18 जुलाई के अंक में ‘दिव्यांग को दाखिला देने से इंकार, बीईओ को नोटिस’ शीर्षक से समाचार प्रकाशित किया था। जिसके बाद बुधवार को विद्यालय के प्रधानाचार्य पुजारी सिंह यादव ने दिव्यांग शैलेंद्र का दाखिला कक्षा छह में कर लिया। बीएसए पन्ना राम ने बताया कि अभी तक प्रधानाध्यापक व बीईओ का स्पष्टीकरण नहीं मिला है। स्पष्टीकरण न मिलने की दशा में संबंधित के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।