गोरखपुर : कई स्कूलों में ताला, कुछ जुगाड़ से चल रहे दिक्कत, शिक्षामित्रों के कार्य बहिष्कार से बेपटरी हुई जनपद की परिषदीय प्राथमिक शिक्षा व्यवस्था, छात्र परेशान
जागरण टीम , गोरखपुर : लंबे समय से परिषदीय प्राथमिक शिक्षा व्यवस्था के महत्वपूर्ण अंग के रूप में सेवारत शिक्षामित्रों के आंदोलन के चलते शिक्षा व्यवस्था बेपटरी हो गई है। पिछले दो दिनों से चल रहे विरोध प्रदर्शन के बीच जनपद के कई स्कूलों में तालाबंदी है तो कई स्कूलों में जुगाड़ से काम चलाया जा रहा है। सबसे बुरा हाल उन स्कूलों का है जहां की पढ़ाई शिक्षामित्रों के ही भरोसे चल रही थी। शिक्षा मित्रों के कार्य बहिष्कार के बाद ग्रामीण क्षेत्रों की परिषदीय शिक्षा के हाल पर एक नजर।1पाली विकास खंड केकुल 67 ग्राम पंचायतों में कुल 99 प्राथमिक विद्यालयों में 10 शिक्षामित्रों के भरोसे थे। इनमें 225 शिक्षक की तैनाती हैं। विकास खंड के कुल 80 शिक्षामित्र में से 70 को सहायक अध्यापक बनने का मौका मिल गया था। आंदोलन के चलते शामिल होने पर विद्यालय बंद होने के कगार पर पहुंच गए थे। भगवानपुर, चादबारी, गोविंदपुर लोनिया, त्यूरान, जगदीशपुर, बरईपार, तेवतिया, मटियारी, भटवल, सिसई पर विभाग ने विद्यालय संचालित करने की वैकल्पिक व्यवस्था की है। चौरीचौरा क्षेत्र में भी स्कूलों के बुरे हाल हैं। गुरुवार को शिक्षा मित्रों ने गोरखपुर के नगर निगम में बैठक का आह्वान किया था जिसमें शामिल होने जा रहे प्राथमिक शिक्षा मित्र संघ के जिलाध्यक्ष अजय सिंह, ब्लाक अध्यक्ष हृदेश चौधरी, राजू सैनी, नागेंद्र चौधरी, अजित कुमार, दिनेश यादव सहित दर्जनों शिक्षा मित्रों को 2 बजे तक पुलिस थाने पर बैठाए रही। सहजनवां ब्लाक के 121 प्राथमिक विद्यालय में कुल 145 शिक्षा मित्र बतौर सहायक अध्यापक के रूप में तैनात थे। इनमें से 14 प्राथमिक विद्यालय सुगौना, गनौरी, कटाइटिकर, परमेश्वरपुर द्वितीय, उच्जीखोर, भलुआ, भदरखी, भेउसा, खिरीदार, सुरेना, टेकुअपाती, महेता, मझौरा , कुरुसा विद्यालय बंद हैं। इसके अलावा 47 विद्यालय एकल हो गए है, जिससे पढ़ाई व्यवस्था ध्वस्त हो गई है। विकास खंड जंगल कौड़िया में सभी जगह विद्यालय खुले रहे। सिर्फ कर्तहरी प्राथमिक विद्यालय पर दो शिक्षा मित्र थे, लेकिन प्राथमिक विद्यालय और जूनियर हाईस्कूल एक ही प्रांगण में है। जूनियर हाईस्कूल के अध्यापक प्राथमिक विद्यालय पर भी बच्चों को पढ़ा रहे हैं, इसलिए सभी विद्यालय खुले रहे। 1बेलघाट विकास खंड में संचालित प्राथमिक विद्यालयों में 11 विद्यालय शिक्षा मित्रों के भरोसे थे। तीन विद्यालय में वैकल्पिक व्यवस्था के तहत काम चलाया जा रहा है, लेकिन अभी आठ विद्यालयों में शिक्षण कार्य प्रभावित है। प्राथमिक विद्यालय तिवारीपुर, जितवारपुर, शिवपुर पोखरा टोला, चौड़ीयामसान, छितौना और प्राथमिक विद्यालय रतनपुरा बंद हैं। प्राथमिक विद्यालय ब्रrादेव, मजिगावा चालू है।1 पिपरौली विकास खंड के पिपरौली संकुल के सभी विद्यालय खुले थे। इसमें पिपरौली अमटौरा, बनौडा, कैली, कोल्हुई, मल्हीपुर, तेनुअन तथा गाडर में शिक्षामित्र हैं। यहां शिक्षामित्रों की गैरहाजिरी के बावजूद स्कूल चल रहे हैं। ब्रrापुर क्षेत्र में 154 शिक्षामित्रों का समायोजन हुआ था। इनके कार्य बहिष्कार से चार विद्यालय प्रभावित रहे। थुन्ही बाजार, सिहोंडवा, बड़हरा तथा बकसुडी के आज बंद होने की सूचना मिलने पर खंड शिक्षा अधिकारी उदयभान कुशवाहा ने तत्काल अगल बगल के विद्यालयों से शिक्षक तथा आंगनबाड़ी के सहयोग से पठन -पाठन शुरू कराया। उरुवा ब्लाक में सात परिषदीय विद्यालय क्रमश: अहिरौली, टेलियाभार, सई खुर्द, बथुआ बुजुर्ग, रामपुर सनाथ, उसडी रघुनाथपुर बंद हैं, इनमें छात्र- छात्रएं पढ़ाई से वंचित हो गए है। बांसगांव ब्लाक में कुल 215 शिक्षामित्र समायोजित सहायक अध्यापक कार्यरत थे। इनकी नियुक्ति रद होने से प्राथमिक विद्यालय जारी, सिंगहा, करहल, धुसुना, बहबंद पड़ा प्राथमिक विद्यालय भलुआ ’ जागरणचौरीचौरा थाने में बैठाए गए शिक्षा मित्र संघ के अध्यक्ष अजय सिंह व अन्य ’ जागरण’>>शिक्षामित्रों के भरोसे वाले स्कूलों में हाल -बेहाल1’>>ताला बंद होने से कई जगह वापस हो गए छात्रशिक्षामित्रों की मांग1’ राज्य सरकार केंद्र से संसद में बिल लाकर ऐसा कानून बनाने का अनुरोध करे जिससे कि शिक्षामित्र बिना टीईटी पास किए सहायक अध्यापक पद पर समायोजित किए जा सकें।1’ जब तक कानून नहीं बनता है तब तक शिक्षामित्रों की यथास्थिति बरकरार रखी जाए। 1’ यदि ऐसा संभव न हो तो सभी शिक्षामित्रों को सहायक अध्यापक के समान/समकक्ष किसी और पद पर नियुक्त किया जाए। 1’ यदि सरकार शिक्षामित्र के पूर्व पद पर मूल विद्यालय में भेजती है तो उसके पहले शिक्षामित्र पद को सहायक अध्यापक के समकक्ष सारी सुविधाएं व अधिकार देते हुए स्थायी नियुक्ति दी जाए।
📌 गोरखपुर : कई स्कूलों में ताला, कुछ जुगाड़ से चल रहे दिक्कत, शिक्षामित्रों के कार्य बहिष्कार से बेपटरी हुई जनपद की परिषदीय प्राथमिक शिक्षा व्यवस्था, छात्र परेशान
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