लखनऊ : वित्तविहीन शिक्षकों पर लाठी चार्ज के विरोध में विधान परिषद में सदस्यों ने वेल में पहुंचकर किया हंगामा
प्रमुख संवाददाता- राज्य मुख्यालय वित्त विहीन शिक्षकों पर लाठी चार्ज के मुद्दे पर बुधवार को विधान परिषद में जमकर हंगामा हुआ। निर्दलीय व सपा के सदस्यों ने वेल में पहुंचकर नारेबाजी की जिसके कारण सभापति को पहले 15 -15 मिनट के लिए और फिर बाद में दोपहर 12 बजे तक के लिए सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी। बाद में नेता सदन ने आश्वासन दिया कि सरकार वित्त विहीन शिक्षकों के मामले में सहानुभूतिपूर्वक विचार कर रही है। दोपहर 12 बजे जब सदन की कार्यवाही शुरू हुई तो निर्दलीय सदस्य उमेश द्विवेदी व सपा के संजय मिश्रा एक बार पुन: नारेबाजी करते हुए वेल में पहुंच कर धरने पर बैठ गए। सपा के साथ-साथ बसपा व कांग्रेस के अलावा शिक्षक दल एवं निर्दलीय सदस्यों ने भी विपक्षी एकता का परिचय देते हुए एक सुर में लाठी चार्ज की निन्दा की और सरकार से मांग की कि वह वित्तविहीन शिक्षकों की मांगों को पूरा करें। नारेबाजी के दौरान सदस्यों ने वित्तविहीन शिक्षकों को न्याय दो व मानदेय दो के नारे लिखे बैनर भी लहराए। कुछ देर बाद सभापति व कुछ वरिष्ठ सदस्यों के समझाने पर हंगामा शान्त हुआ। नारेबाजी करने वाले सदस्यों को कहा गया कि वे पहले अपनी सीट पर बैठे तब कुछ आश्वासन दिया जाएगा लेकिन जैसे ही वे अपनी सीटों पर बैठे परिषद की कार्यवाही तय एजेण्डे के तहत शुरू कर दी गई। इस पर उमेश द्वीवेदी तथा संजय मिश्र नारेबाजे के साथ पुन: वेल में बैठक गए। बाद में सपा के संजय मिश्रा, अम्बिका चौधरी, अशोक वाजपेई और नेता विपक्ष अहमद हसन व बसपा के सुनील कुमार चित्तौड़, कांग्रेस के दिनेश प्रताप सिंह, शिक्षक दल के ओम प्रकाश शर्मा ने सरकार से अपील की वह वित्तविहीन शिक्षकों को मानदेय देने का शीघ्र फैसाल करे। नेता सदन दिनेश शर्मा व राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डा. महेन्द्र सिंह ने कहा कि मानदेय देने में पूर्ववर्ती सरकार द्वारा जारी शासनादेश आड़े आ रहा है। पूर्व की सपा सरकार ने वित्तविहीन शिक्षकों को मानदेय देने के समयबद्ध आदेश जारी कर शासनादेश में एक लाइन यह लिख दी थी कि इसे भविष्य में दृष्टांत के रूप में न माना जाए। इस पर विपक्षी सदस्यों ने कहा कि सरकार चाहे तो सब कुछ संभव है। लिहाजा सरकार शीघ्र इसका रास्ता निकाले।