महराजगंज : कच्चे मार्ग से स्कूल जाते हैं बच्चे, नगरीय क्षेत्र के परिषदीय विद्यालय में रास्ता बदहाल , जिम्मेदारों का नहीं जा रहा ध्यान, सड़क में गड्ढे ही गड्ढे, बारिश के समय तालाब बन जाता है रास्ता
जागरण संवाददाता, महराजगंज: शासन द्वारा परिषदीय विद्यालयों की व्यवस्था सुधारने की दिशा में निरंतर प्रयास किया जा रहा है। कुछ स्कूलों में स्थितियां तेजी से बदल रही हैं तो कुछ जगहों पर जिम्मेदारों के ध्यान न दिए जाने से बढ़ रही है।1नगर सीमा में पड़ने वाले बैकुंठपुर जूनियर हाईस्कूल में रास्ता न बनने से अब भी शिक्षकों व बच्चों को कच्चे मार्ग से होकर गुजरना पड़ता है। यदि बारिश हो गई तो और भी बढ़ जाती है। प्रदेश में योगी के नेतृत्व में भाजपा की सरकार बनने के बाद शिक्षा व्यवस्था में बदलाव का क्रम जारी है।
बच्चों की बेहतरी के लिहाज से इस बार समय से किताबें व यूनिफार्म दिए जाने की व्यवस्था बनाई जा रही है। नगर पालिका के जिम्मेदारों द्वारा जहां जगह-जगह खेत में इंटर लाकिंग कराई जा रही है वहीं नगरीय क्षेत्र में होने के बाद भी अब तक बैकुंठपुर वार्ड में होने के बाद भी जूनियर हाईस्कल की दशा बदल नहीं सकी है।
स्कूल तक पहुंचने के लिए छात्र-छात्रओं व शिक्षकों को कच्चे मार्ग से होकर गुजरना पड़ता है।बारिश के मौसम में उस वक्त और बढ़ जाती है जब स्कूल परिसर में पानी लग जाता है तथा परिसर तालाब नजर आता है। स्कूल आने वाले बच्चे पानी से होकर स्कूल में पहुंचते हैं तथा शिक्षा प्राप्त करने के उपरांत वापस लौटते हैं। रास्ते को लेकर शिक्षिकाओं ने कई बार जनप्रतिनिधियों से भी कहा मगर किसी ने ध्यान नहीं दिया।
रास्ते के सुधार के लिए उठाए जाएंगे कदम-बीईओ : सदर ब्लाक के खंड शिक्षा अधिकारी विजय आनंद ने कहा कि नगरीय क्षेत्र में होने के बाद भी जूनियर हाईस्कूल तक पहुंचने के लिए कच्चे मार्ग से गुजरना दुर्भाग्यपूर्ण है। रास्ते को सुधारने की दिशा में कदम उठाए जाएंगे।
🔴 झाड़-झंखाड़ से पटा बैकुंठपुर का प्राथमिक विद्यालय
🔵 जिम्मेदार दे दें ध्यान तो सुधर जाए स्थिति
🌑 बारिश के समय तालाब बन जाता है रास्ता
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जागरण संवाददाता, परतावल, महराजगंज : परतावल पनियरा मार्ग जिसे कागजों में बीएमसीटी के नाम से जाना जाता है। यह सड़क भी प्रदेश की सड़कों को गड्ढा मुक्त किए जाने की घोषणा में है ऐसा नहीं लगता, पूरी सड़क जर्जर एवं गड्ढा युक्त है। इस सड़क पर यात्र करना भी किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं है। यह क्षेत्र भी कभी मुख्यमंत्री के संसदीय क्षेत्र का हिस्सा हुआ करता था। इस सड़क से वे सैकड़ों बार यात्र भी कर चुके हैं। इस सड़क पर सबसे खराब दशा कोटवा गांव के सामने है। यहां पर आए दिन ट्रक आदि वाहन फंस जाते हैं , जिससे पूरी सड़क पर आए दिन जाम की स्थिति उत्पन्न हो जाती है। यहां पर सड़क के दोनों किनारे जल निकासी हेतु नाली बनी हुई है, किंतु नालियों के चोक लेने से गंदा पानी सड़क पर जमा रहता है जिससे यहां दलदल की स्थिति बनी हुई है। हालांकि ग्रामीणों के आग्रह पर क्षेत्रीय विधायक द्वारा ईंट के टुकड़े गिरवा गड्ढों को भरवाने का प्रयास किया है। जगह-जगह ईंट के टुकड़े गिरवाया है। इससे दुश्वारियां तो कुछ कम हुई हैं, किंतु नालियों का पानी उफन कर अभी भी सड़क पर जमा हो रहा है ।