लखनऊ : गुट बनाकर बीएसए कार्यालय पहुंच रहे अभिभावक, शिक्षक का कर रहे गुणगान, ट्रांसफर रुकवाने को गुरुजी लगवा रहे पैरंट्स की पैरवी, बीएसए कार्यालय में शनिवार को कई स्कूलों के आसपास के पैरंट्स शिक्षकों की पैरवी के लिए पहुंचे।
लखनऊ । नेताओं और आला अधिकारियों से ट्रांसफर रुकवाने की सिफारिश लगवाने के बाद शहर के स्कूलों के मास्साब ने अपनी पैरवी का नया तरीका निकाल लिया है। अब शिक्षक आसपास की झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वाले पैरंट्स को बीएसए कार्यालय भेजकर अपना गुणगान करवा रहे हैं। यहां पहुंच रहे पैरंट्स उनके बच्चों के भविष्य की दुहाई देकर शिक्षक का ट्रांसफर रोकने की अपील कर रहे हैं। शनिवार को भी आठ से दस दलों में आए सौ से अधिक अभिभावकों ने बीएसए से अपने-अपने शिक्षकों का ट्रांसफर न करने की सिफारिश की।
अभी नहीं जारी हुई लिस्ट
शिक्षा विभाग की ओर से जिन स्कूलों में बच्चों के अनुपात में अधिक शिक्षक हैं, उनका समायोजन किया जाना है। इसके लिए नीति जारी की गई है, हालांकि विभाग ने अभी शिक्षकों की कोई सूची नहीं जारी की है, जिससे यह पता लगाया जा सके कि किस शिक्षक का समायोजन होना है। ऐसे में जिन स्कूलों में ज्यादा शिक्षक हैं या जिनकी तैनाती नियमों के विरुद्ध है, उन्होंने अपना ट्रांसफर रुकवाने के लिए पहले से ही हथकंडे अपनाने शुरू कर दिए हैं।
इनकी हुई पैरवी
शनिवार को सबसे पहले प्राथमिक विद्यालय मर्दनखेड़ा में तैनात शमा बेगम की पैरवी के लिए अभिभावक आए। फिर प्राथमिक विद्यालय उतरेठिया की शर्मीला मिश्रा, प्राथमिक विद्यालय मेहंदी खेड़ा की शेफाली शर्मा, अमौसी की पारुल श्रीवास्तव और पंचम खेड़ा के शिक्षकों के लिए।
'कहां से मिली सूचना'
दफ्तर आए अभिभावकों से बीएसए ने जब सवाल किया कि उन्हें यह सूचना कहां से मिली कि उनके शिक्षक का ट्रांसफर होने वाला है। बीएसए ने कहा कि अभी तक कोई सूची जारी नहीं हुई तो आपसे किसने कहा कि शिक्षक का ट्रांसफर होने वाला है। इस सवाल पर अभिभावकों ने चुप्पी साध ली।
कई साल से अटैचमेंट
विभाग ने 28 ऐसे शिक्षक चिह्नित किए हैं जो अनधिकृत रूप से मूल नियुक्ति वाले स्कूल की जगह किसी और जगह 5 से 10 साल से अटैचमेंट पर हैं। बीएसए ने बताया कि पूर्व में अधिकारियों की मिलीभगत से इस तरह की तैनाती दी गई है। ऐसे शिक्षकों का अटैचमेंट खत्म होगा।
इस तरह की सिफारिशों का कोई असर नहीं होगा। समायोजन नियमों के आधार पर ही किया जाएगा।
- प्रवीण मणि त्रिपाठी, बीएसए