इलाहाबाद : टीईटी शिक्षकों को वर्तमान पद पर बनाए रखने की मांग, अपर मुख्य सचिव (बेसिक) को पत्र लिखकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला दिया।
अमर उजाला ब्यूरो, इलाहाबाद । राष्ट्रीय अध्यापक प्रशिक्षण परिषद (एनसीटीई) से निर्धारित न्यूनतम शैक्षिक अर्हता स्नातक और बीटीसी के साथ शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) उत्तीर्ण शिक्षामित्रों को वर्तमान पद पर बनाए रखने की मांग जोर पकड़ने लगी है। टीईटी पास समायोजित शिक्षामित्रों ने शनिवार को अपर मुख्य सचिव (बेसिक) को पत्र लिखकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला दिया। अनिल कुमार कोटार्या एवं अभय सिंह की ओर से लिखे गए पत्र में कहा गया कि सर्वोच्च अदालत ने 1.37 लाख समायोजित शिक्षकों की सहायक अध्यापक पद पर नियुक्ति/समायोजन इसलिए निरस्त की क्योंकि ये वर्तमान में एनसीटीई से निर्धारित न्यूनतम शैक्षिक अर्हता पूर्ण नहीं करते।
उन्होंने कहा कि वर्तमान में लगभग 22 हजार समायोजित शिक्षामित्र एनसीटीई से निर्धारित अर्हता स्नातक और बीटीसी के साथ टीईटी भी उत्तीर्ण हैं। इसमें से अधिकांश अपनी नियुक्ति के पूर्व ही सभी अर्हताएं प्राप्त कर चुके थे। ऐसे में विधि विशेषज्ञों से राय लेकर ऐसे सभी समायोजित शिक्षकों को सहायक अध्यापक पद पर बनाए रखा जाए। पत्र में सुझाव भी दिए गए हैं। इसके तहत पूर्ण योग्यता वाले करीब 22 हजार टीईटी पास शिक्षामित्रों को समायोजित करने के लिए सरकार द्वारा आदेश जारी करने की मांग की गई। कहा गया कि इससे न्यायालय की अवमानना की संभावना नहीं होगी और विद्यालयों में शिक्षण कार्य भी सुचारु रूप से चल सकेगा। इसके साथ सरकार से शीघ्र विज्ञापन जारी कर योग्यता प्राप्त कर चुके समायोजित शिक्षामित्रों को आयु में छूट तथा अनुभव का वर्षों के अनुसार भारांक प्रदान करते हुए निर्धारित कोटा देने की व्यवस्था की मांग की।
इलाहाबाद। टीईटी पास शिक्षा मित्र तत्काल भर्ती की मांग को लेकर एक अगस्त को लखनऊ में मुख्यमंत्री आवास का घेराव करेंगे। शिक्षा मित्र जीपीओ से पैदल मार्च करते हुए पहले भाजपा कार्यालय पहुंचेंगे। यहां तत्काल सहायक अध्यापक भर्ती की मांग की जाएगी। कहा कि सरकार टीईटी परीक्षा कराके भर्ती करेगी तो बीटीसी 2014 का बैच काफी संख्या में है और पहले से भी बीटीसी हैं। शिक्षा मित्रों को सरकार इस समय भर्ती देती है तो 22 हजार सहायक अध्यापक बन जाएंगे।
टीईटी संघर्ष मोर्चा के पदाधिकारियों ने शनिवार को डीएम को ज्ञापन सौंपा। इसमें मोर्चा के संरक्षक सदस्य सुल्तान अहमद एवं संजीव कुमार मिश्र ने कहा कि भाजपा सरकार बनने में टीईटी संघर्ष मोर्चा ने पूरा योगदान किया। मुख्यमंत्री ने गोरखपुर में अपनी पहली सभा में टीईटी अभ्यर्थियों को नौकरी देने की बात कही थी। उनके पहले उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने सदन में मामला उठाया था और योग्य अभ्यर्थियों से बेसिक शिक्षा के पद भरने की बात कही थी। सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद टीईटी अभ्यर्थी में आत्महत्या कर रहे हैं। इन अभ्यर्थियों को नजरअंदाज किया गया तो सड़क पर उतरकर महा आंदोलन को विवश होंगे। संघर्ष मोर्चा 30 जुलाई को चंद्रशेखर आजाद पार्क में सुबह 11 बजे बैठक कर आगे की रणनीति तय करेगा। ज्ञापन देने वालों में राजेश राव, राजू, अजर सिंह, अजय कुमार, नवनीत गिरि, प्रीति पाल, कुसुम यादव, स्मृति त्रिपाठी, राम बहादुर, प्रेम चंद्र आदि शामिल थे।