सीतापुर : समायोजन निरस्त होने से आक्रोशित सैकड़ों शिक्षामित्रों ने बुधवार को बीएसए कार्यालय पर प्रदर्शन किया, शिक्षामित्रों में उबाल, प्रदर्शन व नारेबाजी,
सीतापुर : समायोजन निरस्त होने से आक्रोशित सैकड़ों शिक्षामित्रों ने बुधवार को बीएसए कार्यालय पर प्रदर्शन किया। कार्यालय का घेराव कर शिक्षामित्रों ने जमकर नारेबाजी की और सरकार से त्वरित निर्णय लेते हुए अध्यादेश पारित कराने की मांग की। शिक्षामित्रों के तल्ख तेवरों की सूचना पाकर पुलिस बल बीएसए ऑफिस पर पहुंच गया। शिक्षामित्रों ने गुरुवार सुबह से अपनी मांगों को लेकर बीएसए ऑफिस पर अनवरत धरना-प्रदर्शन करने का ऐलान किया है।
समायोजित शिक्षकों का समायोजन निरस्त किए जाने के उच्चतम न्यायालय के फैसले के बाद बुधवार दोपहर सैकड़ों शिक्षामित्र नारेबाजी करते हुए बीएसए कार्यालय पहुंचे और ऑफिस का घेराव कर जोरदार नारेबाजी की। आक्रोशित शिक्षा मित्रों ने कार्यालय का मेन गेट आधा बंद कर दिया। शिक्षामित्रों के आक्रोश को देखते हुए अधिकांश कर्मचारी कामकाज ठप कर कार्यालय के बाहर निकल आए। शिक्षामित्रों ने उच्चतम न्यायालय के निर्णय को अप्रत्याशित बताया।
शिक्षामित्रों ने प्रदेश सरकार से मांग की है कि वह अपनी शक्तियों का प्रयोग करते हुए केंद्र सरकार को टीईटी से छूट का प्रस्ताव भेजे। प्रदर्शनकारियों ने शासन से केंद्र सरकार के माध्यम से संसद में अध्यादेश पारित कराकर उसे तत्काल प्रदेश सरकार को भेजने की मांग की है। इतना ही नहीं इस अवधि में शासन से उच्चतम न्यायालय के निर्णय पर स्थगन आदेश लेते हुए पुनर्विचार याचिका भी दाखिल करने की शिक्षामित्रों ने अपील की है। इन सभी मांगों को लेकर शिक्षामित्रों ने गुरुवार सुबह आठ बजे से बीएसए कार्यालय पर अनवरत धरना-प्रदर्शन का ऐलान किया है। शिक्षामित्रों से सभी सहयोगी संगठनों से धरने में प्रतिभाग कर शासन तक अपनी आवाज पहुंचाने की अपील की है। धरने को बनवारी लाल गौतम, प्रमोद शुक्ल, नीलेश वर्मा, अंबुज त्रिवेदी, हरेंद्र यादव, आलोक ¨सह, अनुज श्रीवास्तव व वीरेंद्र कुमार ने भी संबोधित किया।
2334 शिक्षामित्र हुए प्रभावित
उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद जिले के 2334 समायोजित शिक्षक प्रभावित हुए हैं, जबकि लगभग 1537 शिक्षमित्रों की उम्मीदें टूट गई हैं। जिले में अगस्त 2014 में प्रथम बैच में 1364 शिक्षामित्र समायोजन के पश्चात समायोजित शिक्षक का दर्जा पाए थे। मई 2015 में द्वितीय बैच के 970 शिक्षामित्र समायोजन से सहायक अध्यापक बन गए थे। तकरीबन 140 शिक्षामित्र बीटीसी प्रशिक्षण में चले गए थे, जबकि 1537 शिक्षामित्र विद्यालयों में कार्यरत हैं। असमायोजित शिक्षामित्रों की निगाहें उच्चतम न्यायालय के निर्णय पर टिकी थीं। न्यायालय के निर्णय के बाद उनकी उम्मीदें अब सरकार की रहमदिली पर टिक गई हैं।