गुरुजी बनेंगे प्रशासन के दूत, बताएंगे बाढ़ का रौद्र रूप
गोंडा: घाघरा व सरयू में बाढ़ से प्रभावित लोगों की मदद के लिए प्रशासन ने बेसिक शिक्षा विभाग के अध्यापकों को भी जिम्मेदारी सौंपी है। ये बाढ़ प्रभावित बच्चों को पढ़ाने के साथ ही लोगों के बीच जाकर उनकी परेशानियां जानेंगे। प्रशासन को उससे अवगत कराएंगे। स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से लेकर जरूरी सामानों की उपलब्धता की निगरानी करेंगे। 29 जून से लगातार हो रही बरसात के साथ ही पानी आने से घाघरा व सरयू नदियां उफान पर आ गई है। घर से लेकर स्कूल तक में पानी भर गया है। लोग घरों से पलायन करके तटबंध व प्रशासन द्वारा बनाए गए शिविर में रह रहे हैं। बाढ़ की विभीषिका का दंश झेल रहे परिवारों को स्वास्थ्य, भोजन सहित अन्य सुविधाएं मुहैया कराई जा रही हैं। इसके लिए प्रशासन ने राजस्व, विकास, पंचायत विभाग के कर्मियों को लगाया है। छात्रों की पढ़ाई भी बंद हो गई है। उनका कोर्स पूरा कराने में दिक्कतें हो रही हैं। इसके लिए बेसिक शिक्षा विभाग ने अध्यापकों को बगल के स्कूलों में शिक्षण कार्य करने का निर्देश दिया है। शिक्षकों को बाढ़ पीड़ित परिवारों के संपर्क में रहने के लिए कहा गया है। गुरुजी इनकी देखरेख करेंगे। बीमारी या अन्य किसी प्रकार की समस्या होने पर प्रशासन को इसकी सूचना देंगे। बाढ़ पीड़ितों को बचाव का उपाय बताने के साथ ही बच्चों का ज्ञानवर्धन करेंगे।
-बाढ़ के कारण शिक्षण कार्य प्रभावित नहीं होने दिया जाएगा। शिक्षकों को बगल के स्कूल में पढ़ाने का निर्देश दिया गया है। इसके अतिरिक्त बाढ़ पीड़ित लोगों की मदद की जिम्मेदारी दी गई है। कहीं किसी प्रकार की दिक्कत होने पर प्रशासन को उससे अवगत कराएंगे।
-संतोष कुमार देव पांडेय, बेसिक शिक्षा अधिकारी गोंडा