स्कूलों में सुविधाएं काफूर, बजट मिले तो दिक्कतें हो दूर
दिक्कत
- संसाधनों के अभाव का दंश झेल रहे नौनिहाल
- व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने में बजट का रोना रो रहे अफसर
संसू, गोंडा: ²श्य एक-
सुबह 10 बजे प्राथमिक विद्यालय शिवाबख्तावर में छात्र दो कमरे में जमीन पर बैठकर पढाई कर रहे थे। प्रधानाध्यापक अमरेंद्र ¨सह एक कमरे में बैठकर कार्यालय काम निपटा रहे थे। यहां शौचालय टैंक पर से मिट्टी हट गई है। जिससे बड़ा सा गड्ढा बन गया है। परिसर में पानी भरा था। जिससे छात्र दोपहर में खेल भी नहीं सके। उन्होंने कहा कि अधिकारियों को जानकारी दी गई थी लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।
²श्य दो-
समय 10.30 बजे पूर्व माध्यमिक विद्यालय शिवाबख्तावर में 20 बच्चे बरामदे में बैठकर पढ़ाई कर रहे थे। बिजली कनेक्शन नहीं है। प्रधानाध्यापिका किरन श्रीवास्तव समेत सभी शिक्षक मौजूद थे। यहां शौचालय में गंदगी के साथ ही दरवाजा तक टूटा हुआ था। जिससे यहां पर छात्रों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
²श्य तीन-
पूर्वाह्न 11 बजे प्राथमिक विद्यालय झंझरी में जमीन पर बैठकर छात्र पढ़ाई कर रहे थे। यहां बिजली का कनेक्शन नहीं था। कक्षा-कक्ष तक पानी भरा हुआ था। प्रधानाध्यापिका माया मिश्र ने बताया कि कुछ मिट्टी पहले डलवाई गई थी लेकिन अभी समस्या बनी हुई है।
यह सच सरकारी स्कूलों की सुविधाओं का है। स्कूल चलो अभियान चलाकर विभाग शत प्रतिशत बच्चों के नामांकन का दावा तो कर रहा है लेकिन स्कूलों की सुविधाएं बदहाल है। स्कूलों में बिजली है न ही बैठने के लिए बेंच। स्कूलों के कमरों में जलभराव की भी समस्या से छात्र से लेकर शिक्षक तक दो चार हो रहे हैं। ग्राम प्रधान भी स्कूलों की व्यवस्था पर ध्यान नहीं दे रहे हैं। जिसका खामियाजा नौनिहालों को भु्गतना पड़ रहा है।
इनसेट
जिम्मेदार के बोल
- बेसिक शिक्षा अधिकारी संतोष कुमार देव पांडेय ने बताया कि परिषदीय स्कूलों की व्यवस्थाएं बेहतर बनाई जा रही है। मेज, बिजली समेत अन्य सुविधाएं मुहैया कराने के लिए बजट की डिमांड की गई है।