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लखनऊ : बगैर मान्यता वाले स्कूल ने चौपट किया बिटिया का भविष्य

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लखनऊ : बगैर मान्यता वाले स्कूल ने चौपट किया बिटिया का भविष्य

संवादसूत्र, डलमऊ : आलू-टमाटर की दुकानों के मानिंद खुले बिना मान्यता प्राप्त स्कूल नौनिहालों का भविष्य कैसे चौपट कर रहे हैं? यह घटना उसकी एक बानगी भर है।

एक छात्र ने नवोदय में एडमिशन के लिए फार्म भरा। प्रवेश परीक्षा भी पास कर ली। लेकिन, जब उसके प्रवेश की बारी आई तो कागजी छानबीन हुई। उसमें पता चला कि जिस स्कूल की वह पूर्व में छात्र रही है, उसकी मान्यता ही नहीं है। आखिर में बिना मान्यता के स्कूल का होने के चलते उसकी सारी मेहनत बर्बाद हो गई और नवोदय विद्यालय में उसे प्रवेश नहीं मिल सका।

पूरे राना मजरे नरसवां निवासी अशोक कुमार की पुत्री आंचल पिछले माह नवोदय विद्यालय की प्रवेश परीक्षा में सम्मिलित हुई थी। अपनी मेधा के सहारे वह परीक्षा में सफल भी हुई। लेकिन, जब प्रवेश की प्रक्रिया शुरू हुई तो उसका आवेदन रद्द कर दिया गया। प्रवेश लेने से पहले की जाने वाली विभागीय जांच में पता चला कि जिस विद्यालय से वह परीक्षा में शामिल थी, उसकी मान्यता ही नहीं है। मान्यता न होने के कारण उक्त विद्यालय स्थानांतरण प्रमाण पत्र भी नहीं जारी कर सकता। इस कारण नवोदय विद्यालय की प्रव श परीक्षा में सफल होने के बावजूद आंचल वहां शिक्षा ग्रहण करने से वंचित रह गई।

बिना मान्यता के कैसे हुआ आवेदन

छात्र आंचल घोरवारा के ही एक स्कूल में पढ़ती है। यहीं से उसने कक्षा पांच पास करने के बाद नवोदय विद्यालय में प्रवेश के लिए आवेदन किया था। खास बात है कि नवोदय की प्रवेश परीक्षा के आवेदन फार्मों की भी लंबी जांच होती है। पहले एनपीआरसी सभी स्कूलों से आवेदन फार्म एकत्र करते हैं। इससे पहले अपनी रिपोर्ट लगाते हैं। इसके बाद बीईओ की रिपोर्ट लगती है। आंचल के आवेदन में भी यह प्रक्रिया हुई थ । इस दौरान अफसर इस गड़बड़ी को नजरंदाज कर गए। विद्यालय के प्रबंधक जहां कुछ भी बोलने से कतरा रहे हैं, वहीं, जिम्मेदार अफसर इसे मामूली त्रुटि बता रहे हैं।

नरसवां निवासी आंचल ने नवोदय की प्रवेश परीक्षा कर ली थी उत्तीर्ण - लेकिन प्रमाणपत्रों की जांच में विद्यालय की नहीं मिली मान्यताइनकी भी सुनें1डलमऊ के खंड शिक्षा अधिकारी विश्वनाथ प्रजापति ने बताया कि नवोदय परीक्षा में सम्मिलित होने के लिए 12 सौ आवेदन आए थे। इनमें से बिना मान्यता के विद्यालय का एक आवेदन था, लेकिन त्रुटिवश उसे भी प्रमाणित कर दिया गया। मामले की गंभीरता को देखते हुए एनपीआरसी को नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा गया है।

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