शिक्षक ही नहीं तो कैसे होंगे बच्चे कामयाब
जागरण संवाददाता, बांदा: कानवेंट स्कूलों की तर्ज पर परिषदीय स्कूलों को चलाने के लिए सरकार लाखों रुपए पानी की तरह बहा रही है। स्कूलों में बच्चों को बेहतर शिक्षा मिले और उपस्थिति बढ़े इसके लिए प्रतिवर्ष नई-नई योजनाओं को संचालित किया जा रहा है। लेकिन परिषदीय स्कूलों में शिक्षकों की कमी के चलते सभी सरकारी प्रयास बेमतलब साबित हो रहे हैं। शिक्षा विभाग के आकड़ों की मानें तो चित्रकूट धाम मंडल के चारो जनपदों के ग्रामीण क्षेत्रों में संचालित 3 हजार 248 प्राथमिक विद्यालयों में 730 विद्यालय ऐसे है जहां पर प्रधानाध्यापक भी नहीं है। सहायक अध्यापकों के रिक्त पदों की संख्या तो 1 हजार 426 है। यानि कि मंडल में कुल मिलाकर 2 हजार 156 प्रधानाध्यापक व सहायक शिक्षकों के पद रिक्त चल रहे हैं। कई विद्यालयों में एकल तो कई में दो शिक्षक ही तैनात हैं। दर्जनों ऐसे भी विद्यालय है जहां पर अंग्रेजी, गणित, विज्ञान जैसे महत्वपूर्ण विषयों के शिक्षक नहीं हैं। ऐसे में प्राथमिक स्कूलों के नौनिहाल बच्चों को कैसे गुणवत्तायुक्त शिक्षा मिलेगी यह तो अपने आप में खुद ही एक प्रश्न बनकर रह गया है।
इनसेट-
मंडल के प्राथमिक स्कूलों में शिक्षकों की स्थिति
जनपद कुल विद्यालय प्रा.अ रिक्त पद स.अ रिक्त पद
बांदा 1261 537 543
हमीरपुर 0691 057 247
चित्रकूट 0738 045 265
महोबा 0558 091 371
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इनसेट-
क्या कहते है अधिकारी
परिषदीय स्कूलों में शिक्षकों की कमी को पूरा करने के लिए शासन स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं। जल्द शिक्षकों की कमी को पूरा किया जाएगा। -नजरुद्दीन, एडी बेसिक झांसी