एटा : ऑडिट में खुलेंगी सर्वशिक्षा अभियान की परतें, सर्वशिक्षा अभियान में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा
जागरण संवाददाता, एटा: सर्वशिक्षा अभियान में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है, यही वजह है कि तत्कालीन जिलाधिकारी को परियोजना कार्यालय के अभिलेखों में खामियां मिलने पर उन्होंने सहायक वित्त एवं लेखाधिकारी को कार्यमुक्त कर दिया था। उसी वित्तीय वर्ष 2016-17 की अब जिलेभर में ऑडिट की तैयारी है। माना जा रहा है कि जिन खामियों की गाज तत्कालीन अधिकारी पर गिरी, ऐसे में सर्वशिक्षा अभियान की अन्य अनियमितताओं की परतें भी खुल सकेंगी। ऑडिट कार्यक्रम तय होने के बाद अब जिम्मेदारों में भी खलबली मचने लगी है।
सर्वशिक्षा अभियान के तहत दर्जनों शिक्षा योजनाएं चल रही हैं, जिनमें समेकित शिक्षा, कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय, ड्रेस वितरण, प्रशिक्षण, जागरूकता कार्यक्रम आदि शामिल हैं। अभियान पर करोड़ों रुपये का बजट हर साल ही खर्च होता है। पिछले वर्षो में भी बजट खर्च हुए और ऑडिट भी हुआ, लेकिन सांठ-गांठ के चलते किसी की भी गर्दन नहीं फंसी। पिछले वित्तीय वर्ष 2016-17 के मार्च महीने में तत्कालीन जिलाधिकारी विजय किरन आनंद ने जब परियोजना कार्यालय का निरीक्षण किया और अभिलेखों की जांच भी की। इसी दरम्यान उन्हें सर्वशिक्षा के अभिलेखों में कुछ दाल में काला दिखा।
इसे गंभीरता से लेते हुए उन्होंने जहां सर्वशिक्षा के सहायक वित्त एवं लेखाधिकारी एके सक्सेना को तत्काल प्रभाव से कार्यमुक्त कर दिया था और योजना व अधिकारी के क्रियाकलापों की जांच विजिलेंस टीम से कराने तक की संस्तुति कर दी थी। हालांकि कुछ दिन बाद ही जिलाधिकारी का भी तबादला हो गया। अब उसी परियोजना से संबंधित खर्च हुए बजट का ऑडिट कराने का कार्यक्रम शासन से मिलने के बाद जिला स्तर पर भी ऑडिट की तिथि तय हो गई हैं। ऑडिट को लेकर इस बार कुछ ज्यादा ही खलबली मची है। तत्कालीन डीएम को जो खामियां मिलीं कहीं वहीं बड़े स्तर पर शासन के ऑडिट में सामने न आ जाएं।
सूत्र बताते हैं कि इसी वजह से ऑडिट के लिए जिम्मेदार अपनी-अपनी गर्दन फंसने से बचाने के लिए खुद खामियों को तलाश कर उन्हें सुधारने में लगे हैं। यहां सवाल ये है कि उस समय मिली खामियों को डीएम द्वारा खुद जांच न कराने के बावजूद विजिलेंस के लिए संस्तुति करना भी किसी बड़ी अनियमितता को इंगित करता है। वैसे तो ऑडिट परियोजना कार्यालय से लेकर स्कूल स्तर तक प्रबंध समितियों तक का होना है, लेकिन मुख्यालय स्तर पर अभी से बेचैनी बढ़ी है। फिलहाल प्रभारी सहायक वित्त एवं लेखाधिकारी नरेंद्र कुमार ने बताया है कि ऑडिट के लिए 17 से 28 जुलाई तक शासन की टीम कार्य करेगी। अलग-अलग तिथियों में ऑडिट इकाइयों का भी रोस्टर जारी कर दिया है। संबंधित इकाइयों के प्रमुखों को निर्धारित तिथियों पर अभिलेखों सहित टीम के समक्ष उपस्थित रहना होगा।