बच्चे लेकर धरने पर बैठीं महिला शिक्षा मित्र, शिक्षामित्रों के आंदोलन को अनुदेशकों ने समर्थन दिया
आदर्श समायोजित शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन ने रविवार को चौथे दिन भी कचहरी में अपना आंदोलन जारी रखा। वह अपने बच्चों के साथ धरने में पहुंची। एसोसिएशन की जिलाध्यक्ष एवं प्रांतीय सचिव रीना सिंह ने कहा कि प्रदेश के मुखिया पांच दिनों में कोई ठोस हल नहीं निकाल सके। वह निर्णय लेने के बजाय धमकी दे रहे हैं।
उनकी धमकी से शिक्षामित्र डरने वाले नहीं हैं। उन्होंने कहा कि आंदोलन ही एक मात्र रास्ता बचा है। इसमें चूके तो कहीं के नहीं रहोगे।
पूर्ण मनोयोग से आंदोलन चलता रहा तो मुख्यमंत्री ही नहीं प्रधानमंत्री को भी बोलना पड़ेगा और अध्यादेश लाना होगा। जिला महामंत्री रामकृष्ण विश्वकर्मा ने कहा कि सरकार की चुप्पी इस बात को साबित करती है कि सरकार आंदोलन को दबाने की कोशिश कर रही है।
उन्होंने भाजपा के संकल्पपत्र को याद कराते हुए कहा कि यदि उनकी नौकरी गई तो भाजपा की कथनी और करनी में अंतर नजर आएगा। इस दौरान पंकज सिंह, सरला सिंह, जगतपाल यादव, कमलेंद्र सिंह, संतोष यादव, प्रदीप शुक्ल, राजकुमार शुक्ल, सुरेश चौधरी, देवेंद्र पुष्पाकर, अदित्य नारायण तिवारी, राजेंद्र, नरेंद्र सिंह, विवेक सिंह, कुसुम सिंह, माधुरी त्रिपाठी, अनिल मिश्र आदि मौजूद रहे। एसोसिएशन की जिलाध्यक्ष रीना सिंह ने बताया कि सोमवार को कचहरी में दस बजे से धरना प्रदर्शन होगा। इसमें मुख्यमंत्री की बुद्धि की शुद्धि के लिए यज्ञ किया जाएगा।
अनुदेशकों ने दिया समर्थन : शिक्षामित्रों के आंदोलन को अनुदेशकों ने समर्थन दिया है। रविवार को कचहरी में हुए धरने के दौरान उच्च प्राथमिक अनुदेशक वेलफेयर एसोसिएशन के प्रांतीय अध्यक्ष तेजस्वी शुक्ला ने कहा कि शिक्षामित्रों के साथ अन्याय हुआ है। संकट की इस घड़ी में उनका संगठन शिक्षामित्रों के साथ खड़ा है। जब भी कहा जाएगा सभी अनुदेशक स्कूलों मे न जाकर धरने में साथ बैठे नजर आएंगे।