प्रतापगढ़ : स्कूलों में दिखाई गई मनमाने ढंग से बच्चों की संख्या
जासं, प्रतापगढ़ : बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा बनाई गई समायोजन सूची पर प्राथमिक शिक्षक संघ ने सवाल उठाए हैं। संघ का कहना है कि कुछ स्कूल मे बच्चों की संख्या मनमाने ढंग से दिखाई गई है। इसके साथ ही कई विद्यालयों को सूची में शामिल नहीं किया गया है। संघ के अध्यक्ष रमाशंकर शुक्ल, महामंत्री विनय सिंह ने इसकी शिकायत डीएम से करते हुए पुन: सूची बनाए जाने की मांग की। 1शिक्षक नेताओं का कहना था कि परिषदीय विद्यालयों का सत्र जब जुलाई से चलता था तो समायोजन सूची दो माह बाद सितंबर माह की छात्र संख्या के आधार पर बनाई जाती थी। अब जब सत्र अप्रैल से चल रहा है तो समायोजन सूची दो माह बाद जुलाई की छात्र संख्या के आधार पर बनाई जानी चाहिए। शासन के निर्देशानुसार भाषा, विज्ञान गणित के शिक्षकों का नाम समायोजन सूची में नहीं होना चाहिए था। संडवा चंद्रिका के पूर्व माध्यमिक विद्यालय शिवराजपुर व पूर्व माध्यमिक विद्यालय महमदापुर की छात्र संख्या क्रमश: 38 व 45 है तथा कार्यरत शिक्षकों की संख्या चार है। सरप्लस सूची में कोई भी शिक्षक नहीं दिखाया गया है। पूर्व माध्यमिक विद्यालय जोगापुर में अप्रैल में 29 बच्चे थे जबकि सूची में मात्र 19 दिखाया गया है। प्राथमिक विद्यालय आलापुर में अप्रैल में 108 बच्चे थे जबकि सूची में 90 दिखाया गया है। प्राथमिक विद्यालय बलीपुर प्रथम में सिर्फ एक असमायोजित शिक्षामित्र है। उसका नाम सूची में शामिल नहीं किया गया है। 1प्राथमिक विद्यालय नरसिंहपुर में अप्रैल में 53 छात्र थे जबकि सूची में 23 दिखाया गया है। इस संबंध में बीएसए बीएन सिंह ने बताया कि विज्ञान, गणित के शिक्षकों के नाम सूची से हटाए जाएंगे। छात्रों की संख्या अप्रैल माह से लेने का आदेश शासन का है। बच्चों की संख्या में कोई गड़बड़ी हुई है तो इसके लिए खंड शिक्षा अधिकारी जिम्मेदार हैं। सूची पर आपत्तियां गुरुवार को मांगी गई थीं। 140 आपत्तियां मिली हैं। शुक्रवार को उनका निस्तारण किया जाएगा।जासं, प्रतापगढ़ : बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा बनाई गई समायोजन सूची पर प्राथमिक शिक्षक संघ ने सवाल उठाए हैं। संघ का कहना है कि कुछ स्कूल मे बच्चों की संख्या मनमाने ढंग से दिखाई गई है। इसके साथ ही कई विद्यालयों को सूची में शामिल नहीं किया गया है। संघ के अध्यक्ष रमाशंकर शुक्ल, महामंत्री विनय सिंह ने इसकी शिकायत डीएम से करते हुए पुन: सूची बनाए जाने की मांग की। 1शिक्षक नेताओं का कहना था कि परिषदीय विद्यालयों का सत्र जब जुलाई से चलता था तो समायोजन सूची दो माह बाद सितंबर माह की छात्र संख्या के आधार पर बनाई जाती थी। अब जब सत्र अप्रैल से चल रहा है तो समायोजन सूची दो माह बाद जुलाई की छात्र संख्या के आधार पर बनाई जानी चाहिए। शासन के निर्देशानुसार भाषा, विज्ञान गणित के शिक्षकों का नाम समायोजन सूची में नहीं होना चाहिए था। संडवा चंद्रिका के पूर्व माध्यमिक विद्यालय शिवराजपुर व पूर्व माध्यमिक विद्यालय महमदापुर की छात्र संख्या क्रमश: 38 व 45 है तथा कार्यरत शिक्षकों की संख्या चार है। सरप्लस सूची में कोई भी शिक्षक नहीं दिखाया गया है। पूर्व माध्यमिक विद्यालय जोगापुर में अप्रैल में 29 बच्चे थे जबकि सूची में मात्र 19 दिखाया गया है। प्राथमिक विद्यालय आलापुर में अप्रैल में 108 बच्चे थे जबकि सूची में 90 दिखाया गया है। प्राथमिक विद्यालय बलीपुर प्रथम में सिर्फ एक असमायोजित शिक्षामित्र है। उसका नाम सूची में शामिल नहीं किया गया है। 1प्राथमिक विद्यालय नरसिंहपुर में अप्रैल में 53 छात्र थे जबकि सूची में 23 दिखाया गया है। इस संबंध में बीएसए बीएन सिंह ने बताया कि विज्ञान, गणित के शिक्षकों के नाम सूची से हटाए जाएंगे। छात्रों की संख्या अप्रैल माह से लेने का आदेश शासन का है। बच्चों की संख्या में कोई गड़बड़ी हुई है तो इसके लिए खंड शिक्षा अधिकारी जिम्मेदार हैं। सूची पर आपत्तियां गुरुवार को मांगी गई थीं। 140 आपत्तियां मिली हैं। शुक्रवार को उनका निस्तारण किया जाएगा।