वाराणसी : शिक्षामित्रों को पीएम संसदीय कार्यालय जाने से रोका गया, अदालत में शिक्षा मित्रों के खिलाफ फैसला आने के बाद से ही उनमें है आक्रोश की स्थिति
वाराणसी (जेएनएन)। अदालत में शिक्षा मित्रों के खिलाफ फैसला आने के बाद से ही उनमें आक्रोश की स्थिति है। गुरुवार को प्रदेश के कई जिलों से शिक्षामित्रों ने वाराणसी में रवींद्रपुरी स्थित पीएम नरेंद्र मोदी के संसदीय कार्यालय के घेराव की चेतावनी दी थी। सुबह होते ही शिक्षा मित्रों का हुजूम रवींद्रपुरी पहुंचने से पहले रोकने के लिए जिला प्रशासन ने जगह जगह पर पुलिस व्यवस्था चौकस कर रखी थी। दिन चढने के साथ ही विभन्न रास्तों से शिक्षा मित्रों का भारी हुजूम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय कार्यालय की ओर बढने लगा तो प्रशासन ने जगह जगह उनको रोकने का प्रयास किया।
कई प्रमुख जगहों पर रोके जाने के बाद सडक पर ही शिक्षा मित्रों ने धरना देना शुरू कर दिया। हालांकि पहले पीएम के संसदीय कार्यालय से पहले भारी संख्या मे फोर्स तैनात कर शिक्षा मित्रों को कार्यालय तक न जाने देने की पुलिस की योजना थी। इसके लिए कार्यालय के दोनों ओर भारी फोर्स तैनात करने के साथ रस्सी लगाकर बैरिकेडिंग पहले ही पुलिस ने कर लिया था। भारी हुजूम के साथ पहुंचे शिक्षा मित्रों ने जूलूस के शक्ल मे कीनाराम आश्रम के पास इकट्ठा हुए।
रोके जाने के बाद अघोरपीठ बाबा कीनाराम स्थल पर नारेबाजी करते शिक्षामित्रो का धरना काफी देर तक चला। पूरी जोश के साथ दोपहर बाद तक कीनाराम स्थल पर शिक्षामित्रो का हुजूम सड़क पर बैठकर धरना देता रहा। वहीं मौका मिलने पर काफी संख्या में शिक्षा मित्र कीनाराम अघोरपीठ स्थल से नारेबाजी करते प्रधानमंत्री के संसदीय कार्यालय की ओर कूच कर रविंद्रपुरी चौराहा जाम कर दिया । हालांकि शिक्षामित्रों को पुलिस ने रविंद्रपुरी चौहारे पर ही रोका तो तो वह सड़क पर बैठकर ही नारेबाजी करने लगे।
इस दौरान आम लोगों की आवाजाही पर भी पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया गया है। इससे पूर्व भी शिक्षा मित्रों के मामले में वाराणसी के दौरे के समय पीएम नरेंद्र मोदी ने उनकी शिकायतों को संज्ञान में लेकर मामले के निराकरण की बात कही थी।